आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने कहा कि उपनगरीय कलेक्टर कार्यालय से प्राप्त दस्तावेजों में दिखाया गया है कि भाजपा की सांसद को नृत्य अकादमी बनाने के लिए दो हजार वर्गमीटर की जमीन 87 . 50 रुपये प्रति वर्गमीटर की दर से पौने दो लाख रुपये में आवंटित की गई।
गलगली द्वारा पहले दायर एक आरटीआई याचिका में खुलासा हुआ था कि अभिनेत्री को 35 रुपये प्रति वर्गमीटर की दर से जमीन आवंटित की गई जिसकी कीमत उन्हें 70 हजार रुपये पड़ी थी। इस वर्ष फरवरी में इस मुद्दे पर विवाद पैदा होने के बाद मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने निजी ट्रस्ट और कलाकारों को जमीन आवंटन की नीति में संशोधन करने के आदेश दिए थे।
गलगली ने कहा कि भरतनाट्यम में प्रशिक्षित नृत्यांगना मालिनी चूंकि दस लाख रुपये अग्रिम दे चुकी हैं इसलिए सरकार को उनका बकाया आठ लाख 25 हजार रूपये लौटाना होगा। उन्होंने कहा, यह सरकार के लिए बड़ी शर्मिंदगी की बात होगी। मुंबई के उपनगरीय कलेक्टर शेखर चान्ने ने कहा, हां हमें उन्हें पैसा लौटाना होगा। बहरहाल पैसा तभी लौटाया जाएगा जब सरकार ऐसा करने का आदेश देगी।
गलगली ने कहा, 70 करोड़ रुपये के बाजार मूल्य की जमीन को हेमामालिनी को महज पौने दो लाख रुपये में आवंटित किया गया। गलगली ने कलेक्टर कार्यालय से हेमा मालिनी को संस्थान के लिए जमीन आवंटन की दर के बारे में सूचना मांगी थी। दस्तावेजों के मुताबिक उक्त जमीन को एक बगीचे के लिए रखा गया था और जमीन का आवंटन एक फरवरी 1976 के समय की दर से किया गया है जो प्रति वर्गमीटर 350 रुपये है।
गलगली ने कहा, चूंकि सरकार के प्रस्ताव में कहा गया है कि इस तरह के मामलों में जमीन आवंटन कीमत के 25 फीसदी पर किया जाएगा, हेमामालिनी को मुख्य इलाके में जमीन 350 रूपये प्रति वर्गमीटर की एक चौथाई दर यानी 87 . 50 रूपये प्रति वर्गमीटर की दर से आवंटन किया गया है।
मालिनी ने विगत में पक्षपात और जमीन हड़पने जैसे आरोपों से इंकार करते हुए कहा कि जमीन हासिल करने के लिए उन्होंने 20 वर्ष तक संघर्ष किया। पहले उन्होंने कहा था, मुझे नाट्यविहार कलाकेंद्र चैरिटी ट्रस्ट द्वारा नृत्य संस्था बनाने के लिए दो हजार वर्गमीटर जमीन मिल रही है। मुझे एक बगीचा विकसित करना है (जमीन के एक हिस्से पर जो अकादमी का हिस्सा है) और इसे बीएमसी को देना है।