रक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार तेंदुलकर ने नारंग के कहने पर ऑस्ट्रेलिया के अपनेे टूर में कमी करते हुए भारत लौटकर पारेकर से इस विवाद में मदद करने की गुजारिश की। अधिकारी के अनुसार रक्षा मंत्री ने तेंदुलकर के अनुरोध को सुना अवश्य पर उस पर मदद का आश्वासन नहीं दिया। अधिकारी ने कहा कि पर्रिकर इस पर मदद के लिए इच्छुक नहीं दिखे।
अंग्रेजी दैनिक इकोनोमिक्स टाइम्स के अनुसार ग्रीष्मकाल में तेंदुलकर नारंग के लैंडोर कंटोनमेंट एरिया में स्थित इसी रिसार्ट डहीला बैंक में अवकाश पर आते हैं। इसी के समाने डीआरडीओ कॉम्प्लेक्स है। सुरक्षा के लिहाज से इस काम्प्लेक्स के सामने 50 फुट के एरिया में किसी तरह का निजी निर्माण अवैध है। पर नारंग के रिसार्ट का कुछ भाग इस एरिया में आता है। अधिकारी ने कहा कि क्रिकेट खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर ने इस मसले पर रक्षा मंत्री से मिलने की कोशिश की। मिलने का समय भी तय हो गया। तेंदुलकर ने विवाद की जगह पर बात भी की। लेकिन इस पर आगे किसी तरह का कोई कदम नहीं उठाया गया। अंग्रेजी दैनिक इकोनोमिक्स टाइम्स ने तेंदुलकर से जब इस तरह के अनुरोध पर सवाल किया तो उन्होंने किसी तरह का जवाब नहीं दिया। रक्षा मंत्रालय ने भी इस पर जवाब देने से इनकार कर दिया।
नारंग ने डीआरडीओ कॉप्लेक्स के सामने किसी भी तरह के निर्माण पर प्रतिबंधित क्षेत्र में टेनिस कोर्ट बनाने के लिए अनुमति प्राप्त की थी। लेकिन बाद में उन्हाेंने इस इलाके पर इमारत खड़ी कर दी। नारंग ने भी इस मसले पर जवाब नहीं दिया है। हालांकि उनकी एक प्रतिनिधी ने कहा कि नारंग ने प्रतिबंधित क्षेत्र में निर्माण नहीं कराया है। डीआरडीओ इस पूरे मसले पर गलत ढंग से अनुमान करते हुए बेवजह विवाद पैदा कर रहा है। उल्लेखनीय है कि नारंग की कैटोंनमेंट इलाके में और उसके आसपास कई संपत्ति है। यह जगह मसूरी का पर्यटन क्षेत्र मानी जाती है। बहरहाल नारंग की अवैध निर्माण की गतिविधियों के संबंध मेंं केंद्रीय सतर्कता आयोग तथा सीबीआई में शिकायत दर्ज की गई है। जिसके बाद यह विवाद सामने आया।