राहत के अलावा कोर्ट ने सहारा प्रमुख की पैरोल रद्द नहीं करने की अर्जी पर सुनवाई के लिए अगली तारीख 28 सितंबर तय की है। मुख्य मामले की सुनवाई 3 अक्टूबर को होगी।
दरअसल, दोपहर बाद मामले की सुनवाई दोबारा शुरू होने पर सहारा के वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट से दूसरे वकील राजीव धवन के व्यवहार को लेकर माफी मांगी और कोर्ट से सुब्रत रॉय को जेल भेजने का आदेश वापस लेने की मांग की। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह अपने आदेश पर पुनर्विचार करेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमें किसी से कोई समस्या नहीं है। यह हमारे लिए कोई एन्जॉय नहीं है, यह हमारे लिए भी पीड़ादायक है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय और समूह के दो अन्य निदेशकों को दी गई जमानत समेत सभी अंतरिम राहत शुक्रवार को रद्द कर दी थीं और उन्हें हिरासत में लेने का निर्देश दिया था। दरअसल, सहारा की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने जब मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष कहा कि उन्हें भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा संपत्ति की बिक्री प्रक्रिया में शामिल नहीं किया गया है तो न्यायाधीश काफी नाराज़ हो गए। पीठ ने कहा, "अगर आप चाहते हैं कि आपकी बातें सुनी जाएं, तो पहले आप जेल जाइए, हमें यह मत बताइए कि हमें क्या करना है।
धवन ने कहा था कि यह कहना उचित नहीं है कि उन्हें फिर से जेल भेजा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, "हमने पिछले निर्देश के मुताबिक 352 करोड़ रुपये पहले ही जमा कर दिए हैं, जो 52 करोड़ रुपये अतिरिक्त हैं। यह उपयुक्त नहीं है"। सेबी की तरफ से पेश अधिवक्ता ने बताया कि 58 संपत्तियों को नीलामी के लिए रखा गया और उनमें से आठ को 137 करोड़ रुपये में बेचा गया. उन्होंने यह भी कहा कि संपत्तियों में से पांच को अस्थायी रूप से कुर्क किया गया था।