सुब्रत रॉय को 600 करोड़ रुपये जमा करने के लिए छह फरवरी का समय दिया गया था। 24 हजार करोड़ रुपए की राशि के गबन के मामले में रॉय को जेल की हवा खानी पड़ रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने सेबी विवाद में सहारा समूह की याचिका की सुनवाई के बाद ये फैसला सुनाया। पिछले सप्ताह सहारा समूह की तरफ से नई अर्जी दाखिल कर जल्द सुनवाई की दरख्वास्त की गई थी, जिसे कोर्ट ने मंजूर करते हुए आज की तारीख दी थी।
दरअसल सहारा समूह ने कोर्ट में याचिका दायर कर मांग की थी कि पैसा जमा कराने के लिए उसे और वक्त दिया जाए, क्योंकि नोटबंदी की वजह से पैसा जुटाने में दिक्कतें आ रही हैं। हालांकि खबरों की मानें तो कोर्ट ने सहारा की इस तरह की कोई दलील मानने से इनकार कर दिया है।
गौरतलब है कि 28 नवंबर, 2016 को सुप्रीम कोर्ट ने सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय को जेल से बाहर रहने के लिए 6 फरवरी, 2017 तक 600 करोड़ रुपये जमा कराने का निर्देश दिया था। इससे पहले 25 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत रॉय के पैरोल को 28 नवंबर तक के लिए बढ़ा दिया था, तब सहारा की ओर से सेबी के पास 200 करोड़ रुपये जमा कराए थे।
वहीं तिहाड़ जेल में करीब 2 साल बिताने के बाद सुब्रत रॉय साल 2016 के मई महीने में बाहर आ थे, जब उनकी मां का निधन हो गया था। उसके बाद में उनका पैरोल इस शर्त पर बढ़ाया गया कि वह निवेशकों का पैसा लौटाने के लिए समय-समय पर सेबी के पास रकम जमा कराते रहेंगे।