सर्वोच्च अदालत ने केंद्र सरकार को एक हफ्ते में सोसायटी को अपने कब्जे में लेने का निर्देश दिया है। सोसाइटी के सुरक्षा प्रहरियों को भी हटाने के निर्देश दिए गए हैं, जबकि सोसाइटी की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा गया है। इससे पहले 29 अप्रैल 2016 को बॉम्बे हाई कोर्ट ने पर्यावरण मंत्रालय को 31 मंजिला आदर्श कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी को गिराने के आदेश दिए थे, लेकिन कोर्ट ने फैसले के अमल पर 12 हफ्ते की रोक भी लगाई थी ताकि सुप्रीम कोर्ट में अपील की जा सके।
हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से कहा था कि गैरकानूनी तरीके से आदर्श सोसायटी बनाने के लिए नौकरशाहों और राजनेताओं पर आपराधिक मामला दर्ज किया जाए। आदर्श सोसाइटी दक्षिण मुंबई के कोलाबा में है। इसके पास ही रक्षा संस्थान हैं, सोसाइटी 31 मंजिला है और इसलिए इसे खतरा माना गया था।
आदर्श सोसाइटी को लेकर विवाद तब गहरा गया था, जब इसके निर्माण में कथित तौर पर नियम-कानून के उल्लंघन की बात सामने आई। बाद में यह भी पता चला कि कई प्रभावशाली अधिकारियों, सैन्य अधिकारियों और नेताओं के रिश्तेदारों को इसमें फ्लैट दिए गए थे। विवाद में नाम आने के बाद तत्कालीन कांग्रेस-एनसीपी सरकार के मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था। एजेंसी