घटना के आठ महीने बाद भी लड़की सदमे से नहीं उबर पाई है और उसे दौरे पड़ते हैं। वह रात में अचानक उठकर बैठ जाती है और एम्स में अपने वार्ड से भागने की कोशिश करती है।
लड़की को डर लगता है कि प्रजापति के लोग उसकी तलाश में आएंगे। वह मंत्री को सलाखों के पीछे देखना चाहती है और अपने और अपनी मां के लिए न्याय चाहती है।
उसने पीटीआई से कहा, मैं प्रजापति और उसके लोगों को सलाखों के पीछे देखना चाहती हूं जिन्होंने मेरे साथ दुष्कर्म का प्रयास किया था। उसने हमेशा के लिए हमारी जिंदगी बर्बाद कर दी है। हमें अपनी जान बचाने के लिए घर बार छोड़ना पड़ा।
आरोप है कि लड़की की मां के साथ राज्य की सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी में पद दिलाने और खनन के ठेके दिलाने के वादे के साथ दो साल तक बार बार सामूहिक बलात्कार किया गया। मां ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और अदालत ने 18 फरवरी को इस मामले में मंत्री और उनके साथियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किये जाने का आदेश दिया।
उत्तर प्रदेश पुलिस प्रजापति की तलाश में है, वहीं लड़की खुद के और अपनी मां के साथ बीती दुखद घटना से उबरने के लिए संघर्ष कर रही है। हालांकि उसने उम्मीद नहीं छोड़ी है और अगले साल दसवीं कक्षा की परीक्षा देना चाहती है। उसने बताया, इस साल मैं परीक्षा नहीं दे सकी। हमारी जिंदगी बर्बाद हो गयी। एम्स के एक वार्ड में लड़की को रखा गया है जहां आम प्रवेश प्रतिबंधित है।
पीड़िता ने कहा, उन्होंने मेरे साथ दुष्कर्म की कोशिश की और मेरी मां को कसकर पकड़ लिया जो चिल्ला रहीं थीं और उन्हें ऐसा नहीं करने की गुहार लगा रही थीं। उन्होंने मुझे छोड़ तो दिया लेकिन मां को गंभीर नतीजे भुगतने की धमकी दी।
लड़की के मुताबिक, उसके बाद हमने कई लोगों से मदद मांगी और प्रदेश के डीजीपी के पास भी गये लेकिन फिर भी कुछ नहीं हुआ। इस बीच प्रजापति के आदमी लगातार धमकी भरे फोन कॉल कर रहे थे और कह रहे थे कि मामले को आगे बढ़ाया तो नतीजे भुगतने होंगे। हमने अपनी जान बचाने के लिए उत्तर प्रदेश से निकलने का फैसला किया। फिर मेरी मां ने अदालत का दरवाजा खटखटाया। लड़की का इलाज कर रहे एम्स के डॉक्टरों के मुताबिक लड़की गहरे सदमे में है।
उन्होंने कहा, वह डर के साये में जी रही है। वह रात में सो नहीं पाती। उसके साथ और उसकी मां के साथ जो हुआ है, वह उसे याद आता रहता है। डॉक्टरों के मुताबिक उत्तर प्रदेश पुलिस की टीम लड़की से बात करने के लिए अस्पताल आईं लेकिन उन्हें इजाजत नहीं दी गयी।
49 वर्षीय प्रजापति लापता हैं। उन्हें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कथित भ्रष्टाचार के मामले में बर्खास्त कर दिया था। बाद में मुलायम सिंह यादव के कहने पर उन्हें बहाल कर दिया गया था। उच्चतम न्यायालय के आदेश पर 18 फरवरी को गौतमपल्ली थाने में प्रजापति और उनके साथियों के खिलाफ आईपीसी तथा पॉक्सो कानून की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी थी।
लड़की की मां के साथ कथित सामूहिक बलात्कार की घटना सबसे पहले अक्तूबर 2014 में हुई थी और जुलाई 2016 तक यह जारी रहा। भाषा