महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि इसका मकसद पाकिस्तान के लोगों का अपनी सरकार की विफलताओं से ध्यान भटकाना है। उन्होंने कहा कि हम पाकिस्तान सेना के कृत्य की कड़ी निंदा करते हैं। यह घरेलू विफलताओं से पाकिस्तानी लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश है और इस स्थापित तथ्य का कृत्रिम रुप से विरोध करना है कि पड़ोसी देश भारत में आतंकी गतिविधियों को प्रायोजित करता है।
वहीं, शिवसेना ने भी इस मामले में संयुक्त राष्ट्र से हस्तक्षेप की मांग की है। केंद्र में सत्तारुढ़ भाजपा गठबंधन में शामिल उद्धव ठाकरे की पार्टी ने इस घटनाक्रम को दुखद और रोषपूर्ण बताया।
शिवसेना के प्रवक्ता मनीषा कायन्दे ने कहा, पाकिस्तान की सैन्य अदालत का निर्णय दुखद और आक्रोश पैदा करने वाला है। दुखद स्थिति यह है कि भारत की सरकार जाधव की रिहाई सुनिश्चित नहीं करवा सकी। उन्होंने कहा, वक्त आ गया है कि सरकार पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब दे। अगर भारत में पाकिस्तान के ऐसे कैदी हैं तो उन्हें इसी तरह की सजा देने पर विचार किया जा सकता है जिससे पड़ोसी देश को करारा जवाब मिले।
गौरतलब है कि इस मामले को लेकर सोशल मीडिया पर भी तरह-तरह की प्रतिक्रयाएं आ रही है। एक भारतीय समर्थक ने ट्वीटर पर लिखा, वो तो खैर कुलभूषण हैं और रहेंगे। वे कहां हैं जो याकूब की फांसी पर सिर पीट रहे थे। एक शख्स ने तो पाकिस्तान को सीधे युद्ध के मैदान पर ललकारा है। उसने अपने पोस्ट में लिखा, कुलभूषण जैसे निर्दोष का सहारा लेना छोड़ दो और अगर दम है तो सीधे मैदान पर उतर आओ।