इन तीन वर्षों में जहां मोदी सरकार की मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया जैसी योजनाओं का खूब प्रचार हुआ, वहीं कुछ लोग इनके नाम पर ठगी करने से बाज नहीं आ रहे है। हालांकि, ऐसे मामलों को लेकर सरकार बेहद अलर्ट है। फर्जी वेबसाइटों और धोखधड़ी को लेकर स्पष्टीकरण भी जारी किए जा रहे हैं। एक नजर, केंद्र सरकार की ऐसी ही योजनाओं पर जिनके नाम पर फजीवाड़े के मामलेे पकड़ेे गए हैं
प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर ठगी
इस योजना का मकसद साल 2022 तक सबको आवास मुहैया कराना है। घर का सपना पूरा करने के लिए सरकार निम्न आय वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को होम लोन पर ब्याज में छूट देती है। इस साल मध्य वर्ग को इस तरह की छूट मिलेगी। लेकिन कई बिल्डरों ने इस योजना को मकान बेचने का हथकंडा बना लिया है। कई लोग इसके नाम पर पैसा वसूलने लगे हैं। जिन प्रोजेक्टस का प्रधानमंत्री आवास योजना से कोई लेना-देना नहीं है, उन्हें भी इसके नाम पर बेचा जा रहा है। मेरठ और मुरादाबाद से प्रधानमंत्री आवास योजना के फार्म ब्लैक होने की खबरें भी आईं। योजना के नाम पर फर्जीवाडा कर रहे पुणे के एक बिल्डर के खिलाफ खुद मंत्रालय ने कार्रवाई की है।
आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय ने एडवारजरी जारी कर लोगों को आगाह किया है कि प्रधानमंत्री आवास योजना में मकान पाने के लिए किसी प्राइवेट कंपनी या व्यक्ति को पैसा देने की जरूरत नहीं है। मंत्रालय ने इस योजना के तहत किसी व्यक्ति या एजेंसी को धनराशि लेने के लिए अधिकृत नहीं किया है। लाभार्थियों का पंजीकरण मंत्रालय की वेबसाइट पर निशुल्क होता है।
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सोलर प्लांट के नाम पर जनता से लूट
सोलर पावर प्लांट लगाने के नाम पर भी कई कंपनियां लोगों को चूना लगा रही हैं। ये कंपनियां सब्सिडी के लिए मिनिस्ट्री ऑफ न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी (एमएनआरई) से संपर्क करवाने का झांसा देकर लोगों से पैसा एंठने की फिराक में हैं। इस तरह की शिकायतें मिलने के बाद नवीन एवं अक्षय ऊर्जा मंत्रालय ने स्पष्टीकरण जारी करते हुए लोगों से इस तरह के झांसे में न आने की अपील की है। दरअसल कई कंपनियां लोगों से पैसा लेकर सोलर प्लांट लगवा रही हैं और फिर सब्सिडी के लिए सरकार से संपर्क करने को कहती हैं। इस तरह के मामले बढ़ने के बाद मंत्रालय ने अपने चैनल पार्टनर एजेंसियों को भी अलर्ट किया है।
बेटी बचाओ के नाम पर जेब काटने की कोशिश
केंद्र सरकार की ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओं’ मुहिम भी गोरखधंधा करने वाले के निशाने पर है। इस अभियान के नाम पर उत्तर प्रदेश, हरियाणा और उत्तराखंड में लोगों से 50-50 रुपये जमा करने का फर्जीवाडा चल रहा है। यूपी सरकार ने इस बारे में सभी जिलों के डीएम और महिला व बाल विकास अधिकारियों को अलर्ट भेजा है।
बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के नाम पर एक से दो लाख रुपये देने के लिए महिलाओं से फार्म भरवाए जा रहे हैं। इसके एवज में 5 से 50 रुपये जाते हैं। जबकि केंद्र सरकार की योजना में इस तरह का कोई प्रावधान ही नहीं है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय लोगों से इस तरह की धोखाधड़ी के जाल में न फंसने और इसकी जानकरी तुरंत पुलिस को देने की सलाह दी है। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के नाम पर लोगों को फोन पर पैसे मांगने की शिकायत भी सरकार को मिली हैं।
पेमेंट बैंक के नाम पर भर्तियों में फर्जीवाडा
पिछले साल डाक विभाग के नाम पर भर्तियों से जुड़ा एक फर्जीवाडा सामने आया था। एक फर्जी वेबसाइट के जरिए आवेदन कराने के लिए 400 रुपये मांगे जा रहे थे। डाक विभाग ने यह मामला सामने आने के बाद फर्जी वेबसाइट की पोल खोलते हुए बताया कि इसका उससे कोई संबंध नहीं है। इसलिए कोई भी उम्मीदवार इस वेबसाइट पर आवेदन या भुगतान न करे। डाक विभाग को पेमेंट बैंक का रास्ता साफ होने के बाद इस तरह के मामले सामने आए। विभाग ने भी आशंका जताई थी कि पेमेंट बैंक के नाम पर नियुक्ति को लेकर भी फर्जीवाड़ा हो सकता है।