पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) को करोड़ाें रुपये का चूना लगाकर देश से भागे हीरा कारोबारी मेहुल चौकसी ने भारतीय एजेंसियों से बचने के लिए ही बीते साल एंटीगुआ की नागरिकता हासिल की थी। एंटीगुआ के अखबार डेली ऑब्जर्वर में छपे उसके एक बयान से जाहिर होता है कि उसे पता था कि पीएनबी कर्मचारी गोकुलनाथ शेट्टी के रिटायर होते ही उसकी धोखाधड़ी सामने आ जाएगी और इससे बचने के लिए उसने पहले से ही योजना बना रखी थी। जनवरी में घोटाला सामने आने से पहले ही चौकसी और उसका भांजा नीरव मोदी देश से भाग गए थे।
डेली ऑब्जर्वर के मुताबिक चौकसी ने बयान जारी कर कहा है कि एंटीगुआ ऐंड बरबुडा सरकार के इंवेस्टमेंट प्रोग्राम के तहत उसने पिछले साल नवंबर में कानूनी तरीके से नागरिकता हासिल की थी। कैरबियाई देश में निवेश की उसकी योजनाओं को देखते हुए उसे नागरिकता दी गई। उल्लेखनीय है कि निवेश करने पर एंटीगुआ विदेशी नागरिकों को दोहरी नागरिकता देता है। एंटीगुआ का पासपोर्ट मिलने के बाद ऐसे व्यक्ति 132 देशों में बिना वीजा के यात्रा कर सकते हैं। बयान में चौकसी ने धोखाधड़ी के आरोपों को झूठा बताते हुए कहा है कि वह इलाज के लिए इस साल जनवरी में अमेरिका गया था और एंटीगुआ में स्वास्थ्य लाभ ले रहा है।
पीएनबी में 13,400 करोड़ रुपये की घोखाधड़ी को लेकर मामा-भांजे के खिलाफ ईडी और सीबीआई जांच कर रही है। सीबीआई ने चिट्ठी लिखकर एंटीगुआ सरकार से उसके बारे में जानकारी मांगी है। हालांकि कुछ रिपोर्टों में दावा किया गया है कि वह इस कैरबियाई देश से भी निकल चुका है। ऐसी भी खबरें आई है कि ‘कानूनी आग्रह’ पर एंटीगुआ की सरकार उसे भारत को सौंपने पर विचार कर सकती है।