स्थानीय मीडिया की खबरों के मुताबिक पुलिस ने चंद्रशेखर की कथित गर्लफ्रेंड से संपर्क किया। उसको हथियार बनाकर पुलिस चंद्रशेखर तक पहुंची। पुलिस ने महिला मित्र के माध्यम से रावण को संदेश भिजवाया कि वह उससे मिलना चाहती है। इस तरह पुलिस के हाथ चंद्रशेख की लॉकेशन और हिमाचल के डलहौजी में ठीक-ठीक उस जगह का पता मिल गया जहां वह रुका हुआ था।
बताया जाता है पुलिस चंद्रशेखर की लोकेशन पता नहीं कर पा रही थी। इसके बाद पुलिस को चंद्रशेखर की कथित महिला मित्र के बारे पता चला। चंद्रशेखर के ही किसी करीबी ने पुलिस को इसकी जानकारी दी थी। उसके जरिये ही पुलिस चन्द्रशेखर तक पहुंची और उसे हिमाचल के डलहौजी से गिरफ्तार कर लिया।
5 मई को सहारनपुर जिले के शब्बीरपुर में महाराणा प्रताप की शेभायात्रा को लेकर दलितों और राजपूतों में संघर्ष हुआ था। इस हिंसा में दलितों के घर जला दिए गए थे। 9 मई को सहारनपुर में दलितों को मुआवजा देने की मांग को लेकर भीम आर्मी ने पंचायत बुलाई थी। लेकिन पुलिस ने इसकी अनुमति नहीं दी थी। तभी पुलिस और भीम आर्मी के कर्यकर्ताओं में संघर्ष शुरू हो गया। इसके बाद सहारनुपर में आगजनी की घटनाएं हुई। इस घटना के लिए पुलिस ने चंद्रशेखर के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इसी मामले में पुलिस को चंद्रशेखर की तलाश थी।
चंद्रशेखर ने पिछले दिनों सहारनपुर में कथित तौर पर ऊंची जाति के लोगों के अत्याचार के खिलाफ दिल्ली के जंतर-मंतर पर बड़ा दलित प्रदर्शन भी बुलाया था। इस दौरान हजारों की संख्या में मौजूद लोगों के हाथ में बीआर अंबेडकर के साथ चंद्रशेखर के पोस्टर और मास्क लिए हुए थे।हालांकि, इसी बीच भीम आर्मी से संबंधों को लेकर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने कहा था कि भीम आर्मी का बसपा से कोई लेना-देना नहीं है।