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'देखना है कि बाबरी मामले में आडवाणी-उमा पर षड्यंत्र के आरोप तय होंगे या नहीं'

एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि बाबरी मस्जिद मामला मालिकाना हक से जुड़ा हुआ है और वह देखना चाहते हैं कि मामले में क्या भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ षड्यंत्र के आरोप साबित होंगे।
'देखना है कि बाबरी मामले में आडवाणी-उमा पर षड्यंत्र के आरोप तय होंगे या नहीं'

उनका बयान ऐसे समय आया है जब उच्चतम न्यायालय ने कहा कि सभी संबंधित पक्षों को अयोध्या मंदिर का समाधान ढूंढने का फिर से प्रयास करना चाहिए जो संवेदनशील मामला है और भावनाओं से जुड़ा हुआ है।

ओवैसी ने ट्वीट कर कहा,  यह जानने को इच्छुक हूं कि 1992 के बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में आडवाणी,  जोशी और उमा भारती के खिलाफ षड्यंत्र के आरोप तय होंगे या नहीं।

हैदराबाद से लोकसभा सदस्य ने उम्मीद जताई कि उच्चतम न्यायालय मानहानि की याचिका पर भी निर्णय करेगा जो 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद से लंबित है।

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, कृपया याद रखिए कि बाबरी मस्जिद मामला मालिकाना हक से जुड़ा हुआ है जिसे इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने गलत तरीके से भागीदारी मामला बताया इसलिए उच्चतम न्यायालय में अपील की गई है।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने विवादित भूमि को तीन हिस्से में बांटने का फैसला दिया था। एक तिहाई हिस्सा सुन्नी वक्फ बोर्ड के लिए, एक तिहाई निर्मोही अखाड़े के लिए और एक तिहाई राम लला के पक्षकारों के लिए। भाषा

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