देश में कोरोना वायरस महामारी का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। इसकी वजह से 5,000 से अधिक मौतें भी हो चुकी हैं। कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देश में अब लॉकडाउन-5 जारी है। लेकिन एक ओर जहां कोरोना से हो रही मौतें चिंताएं बढ़ा रही हैं। वहीं लॉकडाउन के दौरान उत्पन्न समस्याएं भी मौतों का कारण बन रही है। लॉकडाउन लागू होने के बाद इससे संबंधित अलग-अलग वजहों से सैकड़ों लोगों ने अपनी जानें गंवाई हैं। दजेशजीएन डॉट कॉम ( thejeshgn.com )के मुताबिक, 30 मई तक लगभग 742 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। भुखमरी, पैदल यात्रा से थकान, दुर्घटना, शराब नहीं मिलनेे पर, खुदकुशी, पुलिस की बर्बरता आदि इन मौतों की प्रमुख वजह रही है। यहां तक कि प्रवासी मजदूरों को उनके मूल स्थान ले जाने के लिए चलाई जा रही श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में भी मौतों के मामले सामने आए हैं।
दजेशजीएन डॉट कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक, लॉकडाउन लागू होने से लेकर 30 मई 2020 तक लॉकडाउन से जुड़ी अलग-अलग घटनाओं में कुल 742 लोगों की जानें गई हैं।
लॉकडाउन का सबसे ज्यादा खामियाजा आर्थिक तौर पर कमजोर लोगों को भुगतना पड़ा है। इस दौरान भुखमरी और वित्तीय संकट से कुल 132 मौतें हुई हैं।
प्रवासी मजदूरों पर लॉकडाउन की मार
वहीं प्रवासी मजदूरों पर भी लॉकडाउन की मार घातक साबित हुई है। पैदल चलने और अपने मूल स्थान जाने के दौरान हुई दुर्घटनाओं में 209 लोगों ने अपनी जानें गंवाई है। थकावट और पैदल चलने या लाइन में लगने से भी 46 लोगों की मृत्यु हुई है। इसके अलावा प्रवासी मजदूरों को उनके मूल राज्य ले जाने वाली ट्रेनों में भी लोगों की जानें गई हैं। 25 लोगों की मौत श्रमिक ट्रेनों के भीतर हुई है।
हेल्थकेयर के अभाव में 59 मौतें
इस दौरान पुलिस की बर्बरता अथवा राज्य की हिंसा से 12 लोगों ने दम तोड़ा है। वहीं 59 बुजुर्ग या रोगियों ने हेल्थकेयर और ध्यान देने के अभाव में अपनी जानें गंवाई है।
126 लोगों ने की खुदकुशी
लॉकडाउन के दौरान मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ने से संबंधित कई रिपोर्ट आई हैं। वहीं इस दौरान आत्महत्या की घटनाएं भी सामने आई हैं। संक्रमण का डर, अकेलापन, आने जाने की स्वतंत्रता की कमी, घर जाने की अक्षमता आदि के कारण 126 लोगों ने खुदकुशी की है।
शराब नहीं मिलने से मौतें और आत्महत्याएं
लॉकडाउन के दौरान शराब बिक्री को लेकर भी हंगामा देखा गया। शराब नहीं मिलने के कारण कई लोगों ने खुदकुशी भी कर ली। शराब से संबंधित मौतें और आत्महत्याओं के 50 मामले सामने आए हैं। लॉकडाउन से जुड़े अपराधों से भी 17 मौतें हुई हैं। इसके अलावा भी लॉकडाउन से संबंधित 66 मौते हुई हैं।