8 नवंबर को नोटबंदी के एक साल पूरे हो रहे हैं। एक तरफ जहां विपक्ष इसे काला दिवस के रूप में मनाने की तैयारी में है वहीं सरकार इसे काला धन विरोधी दिवस के रूप में मनाने जा रही है।
इसे लेकर सियासी खींचतान चल रही है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की पार्टी मुख्यालय में पार्टी महासचिवों और राज्यों के प्रभारियों के साथ अहम बैठक हुई। बैठक के बाद उन्होंने सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के दिन 8 नवंबर को किस बात का जश्न होगा? मुझे समझ में नहीं आता।
राहुल ने एक बार फिर मोदी सरकारकी आर्थिक नीतियों पर हमला बोला। उन्होंने कहा, 'मोदी सरकार की 2 बड़ी आर्थिक नीतियों नोटबंदी और जीएसटी से लोगों को अपार दु:ख हुआ है।मोदी जी देश की भावना नहीं समझते। अच्छे आइडिया को कैसे भ्रष्ट किया जा सकता है जीएसटी इसका उदाहरण है। नोटबंदी और जीएसटी देश के लिए 2 बड़े झटके हैं।'
8 Nov is a sad day for India. PM Modi has not been able to understand the feeling of the nation. #Demonetisation was a disaster:Rahul Gandhi pic.twitter.com/dwEsSMBYdg
— ANI (@ANI) October 30, 2017
गुजरात और हिमाचल प्रदेश में चुनाव के मद्देनजर यह बैठक काफी अहम है। इसके अलावा 8 नवंबर को नोटबंदी के भी एक साल पूरे हो रहे हैं और कांग्रेस उस दिन देशभर में विरोध-प्रदर्शन करने वाली है।
बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम भी शामिल हैं। नोटबंदी के एक साल पूरा होने पर कांग्रेस 8 नवंबर को देशभर में विरोध-प्रदर्शन करने वाली है। कांग्रेस के विरोध-प्रदर्शन का थीम 'एमएमडी' यानी 'मोदी मेड डिजास्टर' (मोदी की लाई हुई त्रासदी) रहेगा। बैठक में उस विरोध-प्रदर्शन की विस्तृत रूप-रेखा तय हो सकती है।
गुजरात में पाटीदारों की बीजेपी से नाराजगी और पिछले साल सूबे में दलित आंदोलन का चेहरा रहे जिग्नेश मेवानी के कांग्रेस को समर्थन से पार्टी उत्साहित है। इसके अलावा ओबीसी आंदोलन का चेहरा रहे अल्पेश ठाकोर कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। इससे कांग्रेस को उम्मीद बंधी है कि सूबे की सत्ता से उसका 22 साल का वनवास खत्म हो सकता है।
पाटीदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल को साधना कांग्रेस के लिए अब भी बड़ी चुनौती है। बीजेपी का खुलकर विरोध कर रहे पटेल ने कांग्रेस को समर्थन देने के मुद्दे पर अपने पत्ते नहीं खोले हैं। उन्होंने कांग्रेस को अल्टिमेटम दिया है कि पार्टी पटेल आरक्षण के मुद्दे पर 3 नंवबर तक अपना रुख स्पष्ट करे।
पटेल चाहते हैं कि कांग्रेस स्पष्ट करे कि वह किस तरह से पटेल समुदाय को नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण देगी। सूत्रों के मुताबिक बैठक में हार्दिक पटेल को लेकर भी चर्चा होनी है और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी इसपर गुजरात के प्रभारी अशोक गहलोत के साथ अलग से बैठक कर सकते हैं।