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नोएडा जाने से बचे अखिलेश? पीड़‍ितों से लखनऊ में मिले

गौमांस की अफवाह पर पीट-पीटकर मारे गए मोहम्‍मद अखलाक के परिजनों से मिलने के लिए नेताओं का तांता लगा हुआ है। असदुद्दीन ओवैसी, महेश शर्मा, राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल के बाद अब उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव को अखलाक के परिजनों से मिलने की सुध आई है। लेकिन दादरी जाकर पीड़‍ितों से मिलने के बजाय अखिलेश यादव ने उन्‍हें लखनऊ बुलवा लिया।
नोएडा जाने से बचे अखिलेश? पीड़‍ितों से लखनऊ में मिले

माना जा रहा है कि अखिलेश यादव एक अंधविश्‍वास के चलते नोएडा नहीं गए। ऐसी धारणा है कि जो भी मुख्‍यमंत्री नोएडा जाता है उसे अगले चुनाव में जीत नसीब नहीं होती। शायद इसी वजह से अखिलेश ने नोएडा जानकर पीड़‍ितों से मुलाकात करने के बजाय उन्‍हें ही लखनऊ बुलवाना बेहतर समझा। अखलाक के परिवार के कुछ लोग सपा एमएलसी आशु मलिक के साथ शनिवार रात 9:30 बजे की फ्लाइट से लखनऊ रवाना हो गए। आज सुबह करीब 11 बजे मुख्यमंत्री आवास पर उनकी अखिलेश यादव से मुलाकात हुई। इस मौके पर उन्‍होंने कहा कि वह पीड़‍ित परिवार और पूरे देश को भरोसा दिलाना चाहते हैं कि पीड़‍ितों की पूरी मदद की जाएगी। समाजवादियों ने एेसे मुद्दों पर कभी राजनीति नहीं की है। हमारी संस्कृति भाईचारे की रही है, भाईचारा ही हमारे देश की ताकत है। 

 

अखलाक की मां असगरी, भाई मोहम्मद अफजल एवं पुत्री शाइस्ता से मिलने के बाद अखिलेश यादव ने संवाददाताओं से कहा, इस दुख की घड़ी में हम दुख बांट सकते हैं। हमने पूरे परिवार के सदस्यों को भरोसा दिलाया कि न्याय होगा और दोषी लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जिस गांव में लोग न जाने कब से साथ रहते थे, एक दूसरे से व्यवहार भी अच्छा था लेकिन पता नहीं यह जहर किसने घोल दिया। वे सोच भी नहीं सकते थे कि एेसा हो जाएगा। पी‍ड़‍ित परिवार से मिलने के बाद मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने अखलाक के परिवार का मुआवजा 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 30 लाख रुपये करने और उसके तीनों भाइयों को पांच-पांच लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की। उन्‍होंने इसी कांड को लेकर धरना प्रदर्शन कर रही भीड़ पर पुलिस द्वारा के दौरान घायल हुए राहुल यादव को भी पांच लाख रुपये की सहायता देने का ऐलान किया है। 

दादरी के जिस बिसाहड़ा गांव में गौहत्‍या और घर में गौमांस रखने की अफवाह पर 50 साल के अखलाक की निर्मम हत्‍या हुई और उसके बेटे को भीड़ ने अधमरा कर दिया, वह गांव गौतम बुद्ध नगर जिले में नोएडा के नजदीक है। इससे पहले भी कई मौकों पर अखिलेश यादव नोएडा जाने से बचते रहे हैं। हालांकि, अखिलेश यादव ने कहा, मैं बिसहड़ा गांव नहीं पहुंच पाया। मैंने ठीक समझा कि पीड़‍ित परिवार को यहां बुला लूं और बैठकर उनसे बात कर लूं। हम दुख ही बांट सकते हैं, लेकिन जो दृश्य उन्होंने देखा है वह उनके दिमाग से नहीं निकल सकता। 

बिसाहड़ा में माहौल तनावपूर्ण 

इससे पहले शनिवार को पुलिस ने मामले में दो और आरोपियों गिरफ्तार किया था। इनकी पहचान विशाल और शिवम कुमार के तौर पर हुई है। पुलिस अब तक इस मामले में 8 लोगों को गिरफ्तार किया है। विशाल को भाजपा नेता संजय राणा का पुत्र बताया जा रहा है। शिवम और विशाल पर आरोप है कि उन्होंने गौहत्‍या की अफवाह के बाद भीड़ को उकसाया। दादरी के बिसाहड़ा गांव में तनाव कायम रहने के बीच विभिन्न नेताओं के आने का दौर जारी है। जिलाधीश एनपी सिंह ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को गांव में महिला पुलिस बल उपलब्ध कराने को कहा है क्योंकि स्थानीय महिलाएं कानून एवं व्यवस्था की समस्याएं उत्पन्न कर रही हैं। बिना अनुमति के किसी को भी पीडि़त परिजनों से नहीं मिलने के निर्देश दिए गए हैं। पुलिस को गांव में सभी सभी आने-जाने वालों पर नजर रखने को कहा गया है। 

 

 

 

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