कोरोना वायरस को लेकर देश भर के हजारों हवाई यात्रियों का टिकट रद्द किया जा चुका है एहतियात के तौर पर सरकार ने 14 अप्रैल तक सभी अंतरराष्ट्रीय और घरेलू हवाई उड़ान को निलंबित कर दिया है।14 अप्रैल से हवाई परिचालन फिर से शुरू होगा या नहीं, यह भी अनिश्चित है। क्योंकि भारत में कोरोनोवायरस के मामलों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। ऐसे में हर यात्री के लिए यह जरूरी है कि क्या उन्हें अपना टिकट रद्द करने पर पूरा रिफंड मिलेगा।
डीजीसीए ने दिया आश्वासन
भारत के विमानन नियामक,नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने आश्वासन दिया है कि वह यात्रियों के हितों की रक्षा करने की पूरी कोशिश करेगा। डीजीसीए के प्रमुख अरुण कुमार ने आउटलुक से बातचीत में बताया कि स्थिति सामान्य होने पर हम रद्द किए गए टिकटों की धन वापसी पर ध्यान रखेंगे। हालांकि, अभी तक किसी भी एयरलाइंस ने पैसे वापस करने की बात नहीं कही है। विमानन कंपनियों ने अपने सोशल मीडिया अकाउंड और वेबसाइटों के जरिए पुनर्निर्धारण की तारीखों से लेकर क्रेडिट नोटों की पेशकश करने तक विभिन्न विकल्पों की घोषणा की है। हजारों की संख्या में हवाई यात्री एयरलाइंस या बुकिंग एजेंसियों को अपडेट के लिए कॉल कर रहे हैं। बताचीत में कई यात्रियों ने कहा कि उन्हें अभी तक किसी भी तरह का आश्वासन नहीं मिला है।
वहीं, दूसरी ओर एयरलाइंस का कहना है कि कॉल और शिकायतों में क्षमता सि अधिक वृद्धि होने की वजह से दिक्कतें आ रही है। कंपनियों की तरफ से हर संभव तरीके से ग्राहकों के हितों की रक्षा करने का वादा किया जाता हैं। इससे इतर इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का मानना है कि इंडिगो को छोड़कर, जो पैसे है उसे कोई भी एयरलाइंस रिफंड नहीं कर सकती है। इन एक्सपर्टों का मानना है कि डीजीसीए या नागरिक उड्डयन मंत्रालय को 24 मार्च को स्पष्ट निर्देश जारी करना चाहिए था, जब लॉकडाउन लागू हुआ।
ग्राहकों के हितों की रक्षा करना
एयर पैसेंजर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एपीएआई) के संस्थापक सुधाकर रेड्डी ने कहा, "यह स्पष्ट शब्दों में लिखा जाना चाहिए था कि एयरलाइनों को हवाई टिकट के साथ क्या करना चाहिए।" एपीएआई का उद्देश्य यात्रियों के हितों की रक्षा करना और उनकी शिकायतों का निवारण करना है। आगे रेड्डी ने कहा, “85प्रतिशत लोगों ने ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से टिकट बुक किए हैं, जो उन्हें खुले तौर पर परेशान कर रहे हैं। ये पोर्टल लोगों के पैसो की वापसी या पुनर्निर्धारण के लिए तैयार नहीं हैं।“ ऑनलाइन पोर्टल इन आरोपों को खारिज करते हुए कहते हैं कि वे संबंधित एयरलाइनों की परिवर्तन या वापसी नीति से बाध्य हैं।
वहीं, इंडिगो के पूर्व कॉरपोरेट कम्युनिकेशंस हेड,अजय जसरा का कहना है कि एजेंटों और एयरलाइंस के बीच जो पैसे का लेन-देन होता है उसकी श्रृंखला टूट चुकी है। इसलिए सभी एयरलाइंस को बुकिंग की तारीख से एक वर्ष के लिए क्रेडिट शेल का विस्तार करना चाहिए। इसके अलावा,क्रेडिट शेल हस्तांतरणीय होना चाहिए यानी एक व्यक्ति किसी भी व्यक्ति के परिवार या बाहर के लिए टिकट बुक कर सकता है। उन्हें यात्रियों के पैसे वापस करने चाहिए।
अपने ग्राहकों के लिए शीर्ष एयरलाइनों ने क्या-क्या घोषणाएं की।
इंडिगो
इंडिगो एयरलाइन ने परिवर्तन और रद्द करने की नीति की बात कही है। कंपनी के मुताबिक जो ग्राहक 30 सितंबर 2020 तक यात्रा के लिए टिकट बुक कर चुके हैं, वे अपनी यात्रा की तारीख को किसी भी पसंद की तिथि के अनुसार पुनर्निर्धारित करवा सकते हैं। एयरलाइन ने परिवर्तन शुल्क माफ कर दिया है। वहीं, अपनी रद्द करने की नीति के अनुसार जिन ग्राहकों ने 30 सितंबर 2020 तक की यात्रा के लिए टिकट बुक किए हैं, उसकी पूरी राशि आरक्षण क्रेडिट शेल को क्रेडिट किया जाएगा जो एक वर्ष के लिए वैध है। इसका उपयोग ग्राहक दूसरी बुकिंग के लिए कर सकते हैं। हालांकि, जिन लोगों ने अपने टिकट ऑनलाइन टिकट प्लेटफॉर्म या ट्रैवल एजेंटों के माध्यम से बुक किए हैं, उन्हें नई बुकिंग करने के लिए सीधे ट्रैवल एजेंट से जुड़ना चाहिए।
एयर इंडिया
एयर इंडिया ने अपने ग्राहकों को कहा है कि यदि उनकी यात्रा की तारीख 25 मार्च से 14 अप्रैल 2020 के बीच है तो वे अपनी यात्रा की तारीख को एक वर्ष तक बदल सकते हैं। यदि यात्रा की तारीख 23 मार्च 2020 और 30 अप्रैल 2020 के बीच हैं, तो ग्राहक अपनी उड़ान रद्द कर सकते हैं।
स्पाइसजेट
स्पाइसजेट 25 मार्च से 14अप्रैल 2020 के बीच की यात्रा के लिए एयरलाइन टिकट राशि के लायक क्रेडिट शेल प्रदान करेगी, जिसका उपयोग ग्राहक 28 फरवरी 2021 (उसी यात्री के लिए) के लिए यात्रा के लिए नई बुकिंग करने के लिए कर सकते हैं।
गोएयर
गोएयर ने 19 मार्च से 15 अप्रैल तक के लिए टिकट बुक किए यात्री अपनी यात्रा के लिए प्रारंभिक यात्रा की तारीख से एक वर्ष तक पुनर्निर्धारित कर सकता है।