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गैंगरेप, मानव तस्करी समेत इन 6 मामलों में मिली आसाराम को सजा, दो में उम्र कैद

नाबालिग शिष्या से दुष्कर्म के मामले में आसाराम को दोषी करार देते हुए आजीवन कैद की सजा सुनाई गई है। उसे...
गैंगरेप, मानव तस्करी समेत इन 6 मामलों में मिली आसाराम को सजा, दो में उम्र कैद

नाबालिग शिष्या से दुष्कर्म के मामले में आसाराम को दोषी करार देते हुए आजीवन कैद की सजा सुनाई गई है। उसे जीवन भर जेल में रहना पड़ेगा। आसाराम के दो सहयोगियों शिल्पी और शरतचंद को भी दोषी मानते हुए 20-20 साल कारावास की सजा दी गई। साल 2013 के इस मामले में आसाराम के दो अन्य सहयोगियों शिवा और प्रकाश को बरी कर दिया गया है।

आज जोधपुर जेल में लगी विशेष एससी-एसटी कोर्ट के जज मधुसूदन शर्मा ने आसाराम को भारतीय दंड संहिता, किशोर न्याय (बालकों की देखभाल एवं संरक्षण) अधिनियम के तहत कुल छह मामलों में दोषी मानते हुए सजा का ऐलान किया है।

आदेश के मुताबिक, आसाराम को निम्न धाराओं के तहत सजा दी गई है:

1. आदेश के अनुसार, आसाराम उर्फ आसूमल को भारतीय दंड संहिता की धारा 370 (4) के अपराध के लिए 10 साल के कठोर कारावास और एक लाख रुपये जुर्माने का दंड दिया गया है। यह धारा नाबालिग व्यक्ति की तस्करी से संबंधित है।

2. भारतीय दंड संहिता की धारा 342 के अपराध के लिए आसाराम को एक वर्ष के कठोर कारावास और एक हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया गया है। यह धारा किसी व्यक्ति को गैरकानूनी तरीके से बंधक बनाने से संबंधित है।

3. भारतीय दंड संहिता की धारा 506 के अपराध के लिए एक वर्ष के कठोर कारावास और एक हजार रुपये के जुर्माने की सजा। इस धारा के तहत आपराधिक धमकी से जुड़े अपराध आते हैं।

4. भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (2) (एफ) के अपराध के लिए आजीवन कारावास, जो अभियुक्त के शेष जीवन के लिए होगा तथा एक लाख रुपये का जुर्माना। यह धारा के तहत किसी परिचित, शिक्षक या भरोसेमंद व्यक्ति द्वारा महिला से बलात्कार की सजा का प्रावधान है।

5. भारतीय दंड संहिता की धारा 376-डी के अपराध के लिए आजीवन कारावास जो अभियुक्त के शेष जीवन के लिए होगा तथा एक लाख रुपये जुर्माना। आईपीसी की इस धारा के तहत महिला से सामूहिक बलात्कार की सजा का प्रावधान है।

6.  किशोर न्याय (बालकों की देखभाल एवं संरक्षण) अधिनियम की धारा 23 के अपराध के लिए छह माह के साधारण कारावास का दंड। यह धारा किशोर या बच्चों के प्रति क्रूरता, उन पर हमले, परित्याग, मानसिक एवं शारीरिक कष्ट पहुंचाने के अपराध शामिल हैं।

 

शिल्पी और शरतचंद की सजा 

1. आसाराम के सहयोगी शिल्पी और शरतचंद को आईपीसी की धारा 370 (4) के अपराध के लिए 10-10 साल के कठोर कारावास और 50 हजार रुपये जर्माने की सजा दी गई है। इस धारा के तहत यह धारा नाबालिग व्यक्ति की तस्करी से संबंधित अपराध आते हैं।

2. आईपीसी की धारा 376-डी के तहत दोनों अभियुक्तों को बीस वर्ष के कठोर कारावास तथा 50 हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया गया है। यह धारा महिला के सामूहिक बलात्कार से संबंधित है। 

क्या था मामला

यह मामला साल 2013 का है। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की रहने वाली पीड़िता मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा स्थित आसाराम के आश्रम में पढ़ाई कर रही थी। 20 अगस्त, 2013 को पीड़िता ने दिल्ली के कमला नगर पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी कि आसाराम ने अपने जोधपुर आश्रम में उसके साथ बलात्कार किया। दिल्ली से यह केस जोधपुर रेफर किया गया था। जोधपुर पुलिस ने 31 अगस्त, 2013 को मध्य प्रदेश के इंदौर से आसाराम को गिरफ्तार किया था। तब से वह जेल में है। 

छात्रावास की वार्डन शिल्पी पर इलाज के लिए छात्रा को आसाराम के पास भेजने का आरोप था जबकि आसाराम के गुरुकुल के संचालक शरतचंद्र पर आरोप था कि उसने छात्रा की बीमारी का इलाज नहीं कराया। बल्कि छात्रा के परिजनों को भ्रमित करता रहा कि छात्रा का इलाज सिर्फ आसाराम ही कर सकते हैं। इन दोनों को नाबालिग के यौन शोषण में दोषी मानते हुए अदालत ने 20-20 साल कैद की सजा सुनाई है।

आसाराम और शिव, शिल्पी, शरद और प्रकाश के खिलाफ आईपीसी, पॉक्सो और जेजे एक्ट विभिन्न धाराओं के तहत छह नवंबर 2013 को पुलिस ने आरोप-पत्रदायर किया था। इस मामले की सुनवाई के दौरान कई गवाहों की हत्या, अपहरण और उन्हें धमकाने के मामले सामने आए।

 

 

       

 

 

 

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