पनामा पेपर्स लीक के बाद पैराडाइज पेपर्स लीक मामले में सिर्फ भारत से ही सैकड़ों नाम सामने आए जिसमें भाजपा नेताओं के नाम भी शामिल हैं। इनमें पूर्व कैबिनेट मंत्री यशवंत सिन्हा के बेटे जयंत सिन्हा और भाजपा सांसद रवींद्र किशोर सिन्हा का नाम भी शामिल है। मामले पर दोनों नेताओं ने सफाई दी है। लेकिन भाजपा के एक सांसद का जवाब इस समय सोशल मीडिया पर तैर रहा है।
भाजपा सांसद आरके सिन्हा ने अपने ही तरीके से इस मामले पर सफाई पेश की है। उन्होंने सात दिनों का मौन व्रत रख रखा है। उन्होंने एक कागज पर लिखकर बताया कि उन्होंने भागवत यज्ञ को लेकर मौन व्रत रखा हुआ है। देखिए, इसका वीडियो-
#WATCH: BJP MP Ravindra Kishore Sinha's reaction on being asked about a news report of his security firm being linked to 2 offshore entities pic.twitter.com/AryNIJdq8h
— ANI (@ANI) November 6, 2017
कौन हैं आर के सिन्हा?
आर के सिन्हा का पूरा नाम रवींद्र किशोर सिन्हा है। वह इस वक्त बिहार से भाजपा के राज्यसभा सांसद हैं। सिन्हा पत्रकारिता से भी जुड़े रहे हैं।
सिन्हा, भारतीय जनसंघ से उसके गठन (1951) के 14 साल बाद, 1966 में जुड़े। उस समय सिन्हा की उम्र 15 साल थी। 1966 में इनकी पं. दीनदयाल उपाध्याय से मुलाकात हुई, उन्होंने ही सिन्हा को आरएसएस से निकलकर जनसंघ में काम करने को कहा। आरएसएस ने अपनी राजनीतिक गतिविधियों के विस्तार के लिए ही जनसंघ बनाया था।
जनसंघ 1980 में बीजेपी में बदल गया। इस तरह सिन्हा बीजेपी से जुड़ गए। 2014 से पहले भी सिन्हा ने राज्यसभा की मेंबरशिप के लिए कोशिश की थी, लेकिन कास्ट फैक्टर आड़े आ गया। सिन्हा 1999 से 2004 तक मानव संसाधान विकास मंत्रालय के सलाहकार के तौर पर काम कर चुके हैं। इन्होंने बीजेपी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी के साथ भी काफी काम किया है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी सक्रिय रहे। दिल्ली और बिहार में पार्टी के चुनाव अभियानों को यही स्पॉन्सर करते हैं। पटना में पीएम मोदी की हुंकार रैली की सारी व्यवस्थाएं सिन्हा ने ही संभाली थी। गांव के युवाओं के लिए रोजगार पैदा करने में भी ये सरकार की मदद करते हैं। सिन्हा, जेपी की लीडरशिप में बिहार में हुए छात्र आंदोलन पर पहली रिसर्च बुक 'जनआंदोलन' के लेखक भी हैं।
पैराडाइज पेपर्स मामले में एक और भाजपा नेता जयंत सिन्हा ने क्या कहा?
इसके अलावा मामले पर सफाई देते हुए मोदी सरकार में मंत्री जयंत सिन्हा ने कहा है कि उन्होंने किसी निजी उद्देश्य के तहत कोई लेनदेन नहीं किया है सभी लेनदेन वैध और प्रमाणित हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में मंत्री बनने के बाद उन्होंने डी.लाइट डिजाइन नाम की कंपनी से इस्तीफा दे दिया था और कंपनी से सभी तरह के संबंध तोड़ दिया था।
Maine apne liye nahi, company ke liye kiya tha jab main rajneeti mein tha bhi nahi. Sabkuch disclose kiya gaya tha: Jayant Sinha pic.twitter.com/KLsgYNxxRu
— ANI (@ANI) November 6, 2017
क्या है पैराडाइड पेपर्स लीक?
पनामा पेपर्स के करीब 18 महीने बाद पैराडाइज पेपर्स से काले धन पर सनसनीखेज खुलासा हुआ है। 'पैराडाइज पेपर्स' में 1.34 करोड़ दस्तावेज शामिल हैं। इसमें दुनिया के कई अमीर और शक्तिशाली लोगों के गोपनीय निवेश की जानकारी है। जिन लोगों के नाम का जिक्र है उनमें 714 भारतीय हैं, इनमें से एक जयंत सिन्हा फिलहाल केंद्र में विमानन राज्य मंत्री हैं।
जर्मन अखबार ‘जीटॉयचे साइटुंग’ ने ये खुलासे किए हैं। इसी अखबार ने पनामा पेपर्स का खुलासा किया था। जर्मन अखबार ने टैक्स हेवेन के नाम से जाने जाने वाले 19 देशों से ये दस्तावेज हासिल किए। इंटरनेशनल कॉन्सोर्टियम ऑफ इंवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट (आइसीआइजे) ने 90 मीडिया संस्थानों के साथ मिलकर इन दस्तावेजों की जांच की है। ये खुलासे ऐसे समय में हुए हैं जब सरकार और सत्ता दल में, दो दिन बाद (आठ नवंबर) नोटबंदी की पहली सालगिरह ‘एंटी ब्लैक मनी डे’ के तौर पर मनाने की तैयारी चल रही है।
किन लोगों का नाम है शामिल?
इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कई मंत्रियों, कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रू़डो के मुख्य फंडरेजर के नाम भी इन दस्तावेजों में हैं। भाजपा के राज्यसभा सांसद और कारोबारी आरके सिन्हा, सदी के महानायक अमिताभ बच्चन, केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन, जिक्वेस्टा हेल्थकेयर ( पहले सचिन पायलट और कार्ति चिदंबरम की स्वामित्व वाली), वाइएसआर कांग्रेस चीफ जगन मोहन रेड्डी, सन टीवी, एस्सार, एसएनसी लवलीन, विजय माल्या, राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत, कांग्रेस नेता सचिन पायलट, मीडिया लॉबिस्ट नीरा राडिया के नाम भी हैं। अभिनेता संजय दत्त की पत्नी मान्यता दत्त के पुराने नाम दिलनशीं का भी जिक्र है।
जयंत सिन्हा का नाम राजनीति में आने से पहले ओमिड्यार नेटवर्क में साझीदारी को लेकर सामने आया है। सांसद आरके सिन्हा की कंपनी एसआइएस सिक्यॉरिटीज का नाम सामने आया है। अमिताभ बच्चन के बरमूडा की एक कंपनी में शेयर्स होने का भी खुलासा हुआ है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन लोगों ने विदेशी फर्मों और फर्जी कंपनियों की सहायता से अपने धन को ठिकाने लगाए। गुपचुप तरीके से टैक्स हैवेन्स में निवेश किया और कर की चोरी की। इन दस्तावेजों से हितों का टकराव भी उजागर हुआ है।
जिन दस्तावेजों की छानबीन की गई है, उनमें से ज्यादातर बरमूडा की लॉ फर्म ऐपलबाय के हैं। 119 साल पुरानी यह कंपनी वकीलों, अकाउंटेंट्स, बैंकर्स और अन्य लोगों के नेटवर्क की एक सदस्य है। इस नेटवर्क में वे लोग भी शामिल हैं जो अपने क्लाइंट्स के लिए विदेशों में कंपनियां सेट अप करते हैं और उनके बैंक अकाउंट्स को मैनेज करते हैं। खास बात यह है कि ऐपलबाय की दूसरी सबसे बड़ी क्लाइंट एक भारतीय कंपनी है, जिसकी दुनियाभर में करीब 118 सहयोगी कंपनियां हैं। ऐपलबाय के भारतीय क्लाइंट्स में कुछ ऐसे कॉरपोरेट हाउस और कंपनियां हैं जो अक्सर सीबीआइ और ईडी जांच के दायरे में आती रही हैं।