जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में वांछित आतंकवादी नूर मोहम्मद तांत्रे के मारे जाने से आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद को बड़ा झटका लगा है।
पुलवामा में कल रात शुरू हुई मुठभेड़ के बाद 47 वर्षीय तांत्रे का शव बरामद कर लिया गया है। वह इस साल के शुरू में श्रीनगर हवाईअड्डे के बीएसएफ कैंप पर आत्मघाती हमले सहित विभिन्न आतंकवादी हमलों में वांछित था। घाटी में वह सुरक्षा बलों के लिए दिक्कत का सबब बन गया था।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘जैश-ए-मोहम्मद का डिवीजनल कमांडर नूर मोहम्मद तांत्रे उर्फ नूर तराली, पुलवामा के साम्बूरा में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया।’’ पुलिस ने तांत्रे का शव बरामद कर लिया है।
तांत्रे को मार गिराये जाने को ‘‘महत्वपूर्ण सफलता’’ बताते हुए पुलिस ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष दस्ते ने मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर एक मकान का घेराव किया। उन्होंने सम्बूरा इलाके में एक मकान का घेराव किया जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गयी, और अंतत: जैश-ए-मोहम्मद का आतंकवादी मारा गया।
पैरोल पर हुआ था रिहा
तांत्रे के बारे में माना जाता है कि घाटी में आतंकवादी संगठन को फिर से जीवित करने में इसकी बड़ी भूमिका थी।
तांत्रे वर्ष 2003 में दिल्ली में दर्ज एक मामले में दोषी था और श्रीनगर केन्द्रीय कारागार में सजा काट रहा था। वह वर्ष 2015 में पैरोल पर रिहा हुआ था। पुलिस ने बताया कि उसके बाद से ही तांत्रे दक्षिण कश्मीर के त्राल में रहा और क्षेत्र में जैश-ए-मोहम्मद का महत्वपूर्ण सदस्य बन गया।
जुलाई 2017 में हुई अरिपाल मुठभेड़ में जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकवादियों के मारे जाने के बाद तांत्रे भूमिगत हो गया था और जल्द ही वह विभिन्न जगहों पर हमले करने को लेकर आतंकवादी संगठन में महत्वपूर्ण व्यक्ति बन गया।
पुलिस के अनुसार, श्रीनगर हवाईअड्डे के पास स्थित बीएसएफ कैंप पर इस वर्ष अक्तूबर में हुए आतंकवादी हमले का ‘‘मुख्य षड्यंत्रकारी’’ तांत्रे ही था। इसके अलावा वह दक्षिण और मध्य कश्मीर में विभिन्न आतंकवादी हमलों में भी शामिल था।
दक्षिण कश्मीर के त्राल इलाके के रहने वाले तांत्रे की मौत को आतंकी गुट जैश-ए-मोहम्मद के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। दक्षिण और मध्य कश्मीर में जैश-ए-मोहम्मद को पुनर्जीवित करने में तांत्रे की बड़ी भूमिका थी।