मीडिया से बात करते हुए अमरिंदर सिंह ने कहा कि पंजाब में स्थिति पूरी तरह शांतिपूर्ण है। वहां नकिसी व्यक्ति की मौत नहीं हुई। न ही पुलिस को फायरिंग और लाठीचार्ज करना पड़ा। हालांकि, उन्होंने माना कि पंचकूला से फैली हिंसा के बाद पंजाब में 48 लोग घायल हुए हैं। लेकिन हालात पर जल्द काबू पा लिया गया।
पंजाब के तीन शहरों में आर्मी बुलाई गई थी जबकि 10 शहरों में कर्फ्यू लगा। पंजाब सीएम ने बताया कि इनमें से तीन शहरों - संगरूर, मुक्तसर और फरीदकोट से कर्फ्यू हटाया लिया गया है। उपद्रवियों के खिलाफ पंजाब में कुल 39 एफआईआर दर्ज कराई गई हैं। कैप्टन ने भरोसा दिलाया कि पंजाब में वे किसी भी समुदाय को किसी प्रकार की हिंसा और उपद्रव नहीं करने देंगे। राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर उन्होंने शनिवार को अपने आला अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक की।
खट्टर पर निशाना
पंजाब में कहीं फायरिंग, लाठीचार्ज और मौत न होने का दावा कर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पर निशाना साधने की कोशिश की है। गुरमीत राम रहीम के चेलों ने पंचकूला और सिरसा में जो आतंक मचाया, उससे हरियाणा में अब तक 33 लोगों की जान जा चुकी है जबकि सैकड़ों लोग घायल हैं। पंचकूला में धारा 144 के बावजूद हजारों की तादाद में डेरा समर्थकों को जमा होने देने को लेकर हरियाणा सरकार पर तमाम सवाल उठ रहे हैं।
पंचकूला में धारा 144 लागू होने के बावजूद गुरमीत राम रहीम के हजारों समर्थकों को जुटने देने के सवाल पर अमरिंदर सिंह ने माना कि फैसले से पहले लोगों को जमा नहीं होने दिया जाना चाहिए था। जबकि पहले से आशंका थी कि इससे परेशानी खड़ी हो सकती है। कैप्टन ने हिंसा पर काबू पाने के प्रयासों में हरियाणा सरकार या मुख्यमंत्री खट्टर की ओर से उनके साथ किसी तरह का तालमेल न रखने का आरोप भी लगाया है।
अब तक हरियाणा में 33 लोगों की मौत
गुरमीत राम रहीम को रेप के मामले में गुनहगार ठहराए जाने के बाद पंचकूला में उनके समर्थकों ने जमकर उपद्रव मचाया। हिंसा की यह आग शाम तक हरियाणा और दिल्ली-यूपी के इलाकों तक फैल गई थी। इस दौरान बाबा के उग्र समर्थकों ने पुलिस और मीडिया की गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया और कई जगह रेलवे स्टेशन और रेलगाड़ियों में भी आगजनी व तोड़फोड़ की गई। इस हिंसा में अब तक कुल 33 लोगों के मारे जाने की खबर है। हरियाणा सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) राम निवास का कहना है कि पंचकूला में मरने वाले सभी लोग उपद्रवी हैं उनमें कोई भी आम व्यक्ति नहीं है।