चारा घोटाला के तीसरे चाईबासा मामले ने बिहार के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों लालू प्रसाद यादव और डा. जगन्नाथ मिश्रा को सलाखों के पीछे धकेल दिया है। आइए जानते हैं आखिर क्या है चाईबासा कोषागार का मामला-
असल में चाईबासा कोषागार मामला 950 करोड़ रुपये के चारा घोटाले से जुड़े करीब 35.62 करोड़ रुपए की अवैध निकासी का मामला है। 1992-93 में 67 फर्जी आवंटन पत्र के आधार यह अवैध निकासी की गई। जिसमें 1996 में मामला दर्ज किया गया था जिसमें कुल 79 आरोपी थे जिसमें 56 के खिलाफ चार्ज शीट दाखिल की गई। इसमें लालू प्रसाद यादव और डा जगन्नाथ मिश्रा का नाम भी शामिल था। कार्ड संख्या आरसी-68 ए/96 के तहत मामला दर्ज हुआ है। ट्रायल फेस करने वालों में लालू यादव और जगन्नाथ मिश्रा समेत छह नेता, तीन आइएएस अधिकारी, पशुपालन और ट्रेजरी के सात अधिकारी और 40 सप्लायर शामिल थे।
मामले में सुनवाई के दौरान 14 आरोपियों की मौत हो चुकी है। मृतकों में चारा घोटाले का किंगपिन श्याम बिहारी सिन्हा सहित पशुपालन विभाग के चार अधिकारी, दो बजट पदाधिकारी, दो पूर्व मंत्री, एक आइएएस, एक पूर्व सांसद और पांच सप्लायर शामिल हैं। दो अभियुक्तों प्रमोद कुमार जायसवाल और सुशील कुमार झा ने इस मामले में अपना अपराध स्वीकार कर लिया, वहीं दीपेश चांडक, आर के दास और शैलेश सिंह सरकारी गवाह बन गए। एक आरोपी फूल सिंह अब तक फरार है।