दिल्ली के दरियागंज क्षेत्र में भड़की हिंसा के संबंध में गिरफ्तार किए गए 15 लोगों की जमानत याचिका को खारिज करते हुए अदालत ने उनकी न्यायिक हिरासत दो सप्ताह के लिए बढ़ा दी है। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा फैलने के मामले में पुलिस ने इन लोगों को गिरफ्तार किया था।
राहत देने को पर्याप्त आधार नहीं- अदालत
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कपिल कुमार ने जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि आरोपियों को राहत देने के लिए पर्याप्त आधार नहीं है। दो दिन की न्यायिक हिरासत पूरी होने पर आरोपियों को अदालत में पेश किया गया था। गिरफ्तारी का कारण पूछने पर पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने पथराव किया। इससे पुलिस उपायुक्त सहित कई लोग घायल हो गए।
इस आधार पर मांगी थी जमानत
जमानत की मांग करते हुए अधिवक्ता रेबेका जॉन ने कहा कि पुलिस ने हिंसा फैलाने का आरोप साबित करने के लिए सीसीटीवी की कोई फुटेज अथवा कोई अन्य सबूत पेश नहीं किया है, इसलिए आरोपियों को जेल में बंद रखने का कोई आधार नहीं है।
20 दिसंबर को दरियागंज क्षेत्र में उस समय हिंसा भड़क गई जब नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोगों को पुलिस ने हटाने का प्रयास किया। पुलिस पर उन्होंने पथराव किया। प्रदर्शनकारियों ने एक कार को आग लगा दी और कई अन्य वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया।