नई दिल्ली। केरल, दिल्ली और उत्तराखंड के बाद अब गुजरात और जम्मू-कश्मीर ने भी मैगी पर प्रतिबंध लगा दिया है। जांच में हानिकारक तत्व पाए जाने के बाद गुजरात में मैगी पर एक महीने का प्रतिबंध लगा है। सभी रिटेलरों से मैग का स्टॉक लौटाने को कहा गया है। इससे पहले दिल्ली सरकार ने मैगी की बिक्री पर 15 दिन की रोक लगा दी थी। पंद्रह दिन बाद मैगी के नए स्टॉक की जांच कराई जाएगी। हालांकि, महाराष्ट्र सरकार की ओर से कराई जांच में मैगी सही पाई गई है लेकिन इस मामले के तूल पकड़ने के बाद देश के कई राज्यों में मैगी पर जांच का शिकंजा कसता जा रहा है। खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने बताया कि सरकार ने इस मामले की जांच खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफ़एसएसएआई) को सौंपी है। प्राधिकरण अपनी जांच उपभोक्ता मामलों के सर्वोच्च आयोग को सौंपेगा।
इससे पहले बुधवार को मैगी बनाने वाली कंपनी नेस्ले इंडिया के अधिकारी इस मामले पर अपना पक्ष रखने के लिए दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री से मिले थे। इस बैठक के बाद दिल्ली सरकार ने मैगी पर 15 दिन की रोक लगाने का ऐलान किया था। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया, हमने मैगी के सैंपल्स की जांच कराई थी जिसमें मोनोसिडियम ग्लूटामेट यानी एमएसजी और लैड की मात्रा अधिक पाई गई है। लिहाजा मैगी की बिक्री पर 15 दिनों की रोक लगाई गई है। जैन ने कहा, हो सकता है मैगी के मौजूदा स्टॉक में ही गड़बड़ी हो। इसलिए 15 दिन बाद दोबारा सैंपल लिए जाएंगे। हालांकि, नेस्ले के अधिकारियों ने मैगी में कुछ भी हानिकारक होने की बात से पूरी तरह इन्कार किया है। सोशल मीडिया पर चल रहे नेस्ले के प्रचार में भी मैगी को पूरी तरह सुरक्षित बनाया जा रहा है।
आर्मी कैंटीन में बिक्री पर रोक
पीटीआई के मुताबिक, मैगी नूडल्स को लेकर मचे विवाद के बीच भारतीय सेना ने सैनिकों को मैगी नहीं खाने की सलाह दी है। आर्मी कैंटीन को अगले आदेशों तक मैगी नहीं बेचने के निर्देश दिए गए हैं। मैगी ही नहीं बल्कि दूसरे ब्रांड के नूडल्स की बिक्री भी रोक लग सकती है।
कई राज्यों में जांच शुरू
इस बीच देश के अन्य राज्यों में भी मैगी की जांच शुरू हो गई है। तेलंगान, पंजाब, बंगाल, हरियाणा, बिहार और तमिलनाडु सरकार ने मैगी के नमूनों की जांच के आदेश दिए हैं। बिग बाजार चलाने वाले फ्यूचर ग्रुप भी अपने स्टोर पर मैगी की बिक्री पर रोक दी है। उधर, महाराष्ट्र में कराई गई जांच में मैगी सही निकली है। केरल से भी खबरें आ रही हैं कि वहां मैगी की जांच में लैड की मात्रा तय सीमा के भीतर पाई गई है।
दो साल पहले प्रचार बंद कर दिया: अमिताभ बच्चन
मैगी के प्रचार से जुड़ी फिल्मी हस्तियों ने भी अब इससे किनारा करना शुरू कर दिया है। अमिताभ बच्चन ने मैगी विवाद से पल्ला झाड़ते हुए कहा है कि उन्होंने दो साल पहले ही मैगी का प्रचार करना बंद कर दिया था। गौरतलब है कि मैगी विवाद को लेकर इसके प्रचार से जुड़ी हस्तियों के खिलाफ भी मामले दर्ज कराए जा रहे हैं। बुधवार को एक कार्यक्रम के दौरान अमिताभ बच्चन ने कहा कि उन्हें इस बारे में अभी तक अदालत से कोई नोटिस प्राप्त नहीं हुआ है। अगर कोई नोटिस मिलता है तो वह अपने वकीलों से सलाह के बाद कानून का पूरा साथ देंगे। उन्होंने कहा कि वह दो साल पहले ही मैगी का प्रचार बंद कर चुके हैं। अब वह इस प्रोडक्ट से नहीं जुड़े हैं।