भाजपा प्रवक्ता एमजे अकबर ने कहा कि केजरीवाल ने डीडीसीए की जिस फाइल के बहाने सीबीआई छापेमारी को लेकर जेटली पर निशाना साधा उस फाइल में जेटली का नाम तक नहीं है। उन्होंने कहा, सच्चाई सामने आ गई है। रिपोर्ट में जेटली का नाम नहीं है। उनके खिलाफ कोई आरोप नहीं है, कोई संकेत नहीं है। दिल्ली के मुख्यमंत्री को अपने आरोपों को लेकर जेटली से माफी मांगनी चाहिए। एक संवाददाता सम्मेलन में अकबर ने कहा, उन्हें अदालत में अपनी गलती स्वीकार करनी चाहिए। तत्कालीन कांग्रेस सरकार के षड्यंत्र के बाद गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय ने जांच की थी और जेटली के खिलाफ कुछ नहीं पाया था जबकि तब कांग्रेस की सरकार थी।
लेकिन सत्तारूढ़ आप ने पलटवार करते हुए कहा, अगर भाजपा को इतना ही विश्वास है कि वह साफ हैं तो फिर जांच से क्यों भाग रहे हैं। उन्हें इसे निष्कर्ष तक पहुंचाना चाहिए। आप नेता आशुतोष ने कहा, प्रधानमंत्री ने भी कहा है कि जेटली को लालकृष्ण आडवाणी का उदाहरण अपनाना चाहिए जिन्होंने क्लीन चिट मिलने तक हवाला मामले में आरोपों के बाद पद छोड़ दिया था। उन्होंने दावा किया, उन्हें आगे बढ़कर देश के समक्ष उदाहरण पेश करना चाहिए। इससे पहले उन्होंने समिति की रिपोर्ट को खारिज कर दिया था लेकिन अब वे इसे पवित्र पुस्तक की तरह मान रहे हैं।
आशुतोष ने दावा किया, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मामले में जांच आयोग का गठन होना चाहिए। भंडाफोड़ करने वाले एक व्यक्ति ने पहले ही दिल्ली सरकार को सतर्क कर दिया था कि उपराज्यपाल के माध्यम से आयोग का गठन रोक दिया जाएगा।
दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए कहा कि यह देखना दिलचस्प है कि किस तरह मीडिया घराने जेटली जी को निर्दोष साबित करने के लिए व्यग्र दिख रहे हैं। जेटली जी जांच का सामना करने से क्यों डर रहे हैं? यह भाजपा और आप के बीच अंतर है। आप ठोस साक्ष्यों पर कड़े और त्वरित कदम उठाती है। भाजपा भ्रष्टाचार का बचाव करती है और जांच से भागती है।
डीडीसीए मामले में दिल्ली सरकार की जांच रिपोर्ट में जेटली का नाम नहीं है जो 2013 तक 13 वर्ष इसके प्रमुख रहने के दौरान हुई अनियमितताओं को लेकर विपक्ष के निशाने पर हैं। सतर्कता विभाग के प्रमुख सचिव चेतन सिंह की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय समिति की 237 पन्ने की रिपोर्ट में कहा गया है कि डीडीसीए के खिलाफ काफी संख्या में आरोपों को देखते हुए बीसीसीआई द्वारा इस निकाय को तुरंत भंग कर दिया जाना चाहिए।
रिपोर्ट में कहीं भी जेटली का नाम नहीं लिया गया है। समिति ने कहा कि डीडीसीए में कई अनियमितताएं पाई हैं जिसमें पदाधिकारियों की अनुमति हासिल किए बगैर कारपोरेट बाॅक्स का निर्माण कराना और उम्र सत्यापन सर्टिफिकेट में फर्जीवाड़े की शिकायतें शामिल हैं।