बुनियादी सुविधाओं में पिछड़ रही दिल्ली के विकास का जिम्मा अब केंद्र ने थाम लिया है। केंद्रीय मंत्री हरदीपसिंह पुरी अब हर महीने समीक्षा करेंगे और इसके बाद आगे की रणनीति तैयार की जाएगी।
यह भरोसा केंद्रीय मंत्री ने दिल्ली में बुनियादी सुविधाओँ के विकास से जुड़ी समीक्षा बैठक के बाद दिया। निर्माण भवन में हुई इस बैठक में सांसद मनोज तिवारी, रमेश विधूड़ी, उदित राज, प्रवेश वर्मा, मीनाक्षी लेखी, दिल्ली के तीनों मेयर कमलजीत सहरावत, प्रीति अग्रवाल और नीमा भगत शामिल हुई। साथ ही लैंड पूलिंग के क्रियान्वयन, मेट्रो फेज चार के शुरू होने में आ रही अड़चनों समेत यातायात जाम भू प्रबंधन और अनधि्कृत कालोनियों से जुड़े मसलों पर चर्चा हुई।
सांसदों ने कहा कि मास्टर प्लान 2021 को पूरी तरह से लागू करना, अनधिकृत कालोनियों का नियमितीकरण, नए कालेजों का निर्माण, मेट्रो के चौथे चरण का विस्तार और जाम की समस्या से निजात दिल्ली की दिशा में पिछले कुछ सालों के दौरान दिल्ली सरकार ने दिलचस्पी नहीं दिखाई है। सभी प्रोजेक्ट वर्ष 2020-21 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। केंद्रीय मंत्री ने डीडीए और तीनों को सड़कों की बॉटलनेक दूर करने की दिशा में काम करने के निर्देश दिए। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि रियल एस्टेट सेक्टर में किए गए आर्थिक सुधार जारी हैं लेकिन एक नियामक तंत्र की कमी की वजह से इसमें बाधाएं दूर हुई हैं। इससे रियल एस्टेट कानून को जरूरी कर दिया गया है। सरकार ने आठ साल के लंबे इंतजार के बाद पिछले साल इसे लागू कर दिया गया है।