देश भर के किसानों की परेशानी को देखते हुए वित्त मंत्रालय ने आज उन्हें राज्य अथवा केंद्र सरकार के बिक्री केन्द्रों और कृषि विश्वविद्यालयों से बीज खरीदने के लिए 500 रुपये का पुराना नोट इस्तेमाल करने की अनुमति दे दी है। वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा कि किसान केंद्र या राज्य सरकार के केंद्रों, इकाइयों या आउटलेट्स, सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों, राष्ट्रीय या राज्य बीज निगमों, केंद्रीय या राज्य कृषि विश्वविद्यालयों तथा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) से अपना पहचान पत्र दिखाकर बीज खरीद सकते हैं। बयान में कहा गया है कि सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि रबी मौसम में किसानों को किसी तरह की परेशानी न हो। इससे पहले किसानों को अपने केवाईसी अनुपालन वाले खाते से 25,000 रुपये की नकदी निकालने की अनुमति दी गई है। साथ ही सरकार ने फसल बीमा प्रीमियम के भुगतान की अवधि 15 दिन बढ़ा दी है। एपीएमसी पंजीकृत व्यापारियों को प्रति सप्ताह 50,000 निकालने की अनुमति दी गई है।
केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले से देश के किसानों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गई थी। ज्यादातर किसान मंझोले या छोटे स्तर के किसान होते हैं, इस वजह से उनकी आमदनी इतनी नहीं होती कि उसे रखने के लिए बैंक में खाता खोलें। ऐसे में देश के ज्यादातर किसानों का काम नकदी लेन-देन से ही चलता है। खेती के लिए आवश्यक बीज और खाद की खरीद में किसान नकद और उधार पर ही निर्भर होते हैं। लेकिन केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले से देश भर के किसान परेशानी में पड़ गए थे। मौसम के अनुसार अभी बुआई का सीजन आ चुका है। ऐसे में किसानों के सामने संकट इस बात का खड़ा हो गया था कि वह अपने खेतों में जाकर मेहनत करें या पूराने नोट बदलवाने के लिए बैंकों की लाइन में खड़े हों। किसानों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था। ऐसे में केंद्रीय वित्त मंत्रालय के ताजा फैसले से किसानों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। अब छोटे और मंझोले किसान जो नकदी लेन-देन के ही जरिये अपनी जीविका चलाते हैं उन्हें तत्काल राहत मिल जाएगी।