नई दिल्ली। दिल्ली की सत्ता पर नियंत्रण को लेकर केंद्र अौर दिल्ली सरकार के टकराव में नया मोड़ आया है। उपराज्यपाल की ओर से नियुक्त एंटी करप्शन ब्यूरो के प्रमुख एमके मीणा को दिल्ली सरकार ने चार्ज लेने से रोक दिया है। दिल्ली पुलिस के विजिलेंस विभाग के निदेशक की ओर से मीणा को लिखे पत्र में कहा गया है कि एसीबी में संयुक्त आयुक्त का काेई पद नहीं है, इसलिए उन्हें चार्ज नहीं दिया जा सकता। ब्यूरो में पहले से प्रमुख मौजूद हैं। इस आधार पर विजिलेंस विभाग ने मीणा को वापस दिल्ली जाने को कहा है। गौरतलब है कि कल ही उपराज्यपाल ने एमके मीणा को एसीबी का प्रमुख बनाकर भेजा गया था।
इस विवाद पर दिल्ली पुलिस कमिश्नर बीएस बस्सी ने कहा है कि एमके मीणा उपराज्यपाल के आदेश का पालन करेंगे। उन्हें एंटी करप्शन ब्यूरो में नियुक्त किया गया है और अगले आदेशों तक वही एसीबी के चीफ रहेंगे। जानकारी मिली है कि दिल्ली सरकार के निर्देश के बावजूद मीणा एंटी करप्शन ब्यूरो के अफसरों से मिल रहे हैं।
उधर, आम आदमी पार्टी के नेताओं ने एसीबी प्रमुख की नियुक्ति को लेकर केंद्र पर हमला बोल दिया है। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने कहा है कि ये वही एमके मीणा हैं जिन्होंने जंतर-मंतर पर गजेंद्र सिंह के मौत के मामले में उन्हें फंसाने की फर्जी स्क्रिप्ट लिखी थी। उन्होंने सवाल उठाया कि एसीबी में अचानक संयुक्त आयुक्त का नया पद बनाकर आनन-फानन में अपने चहेते अफसर की नियुक्ति और रात में ही पद संभालने के आदेश के पीछे क्या साजिश है? क्या सीएनजी फिटनेस घोटाले की फाइल खुलने के डर से घबराकर एसीबी में नए चीफ की नियुक्ति की जा रही है? आप नेता कुमार विश्वास ने भी आरोप लगाया है कि मोदी सरकार डरी हुई है इसलिए अब अरविंद केजरीवाल की सरकार के खिलाफ दिल्ली पुलिस का इस्तेमाल किया जा रहा है।
तोमर की गिरफ्तारी में केंद्र की भूमिका नहीं: राजनाथ सिंह
इस विवाद पर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सफाई देते हुए कहा है कि गृह मंत्रालय किसी की गिरफ्तार का आदेश जारी नहीं करता। दिल्ली के कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर की गिरफ्तारी में भी मंत्रालय की कोई भूमिका नहीं है।
दिल्ली के गृह सचिव का तबादला
इस बीच आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार ने राज्य के गृह सचिव धर्म पाल को हटा दिया है। उन्हें वापस गृह मंत्रालय में रिपोर्ट करने को कहा गया है। दिल्ली सरकार ने गृह सचिव के तबादले के आदेश को मंजूरी के लिए उपराज्यपाल नजीब जंग के पास भेजा है। माना जा रहा है कि एसीबी चीफ के तौर एमके मीणा के नियुक्ति के मामले में धर्म पाल की भूमिका से नाराज होकर दिल्ली सरकार ने उन्हें हटाने का फैसला किया है।