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नीट परीक्षा विवाद पर बोले शिक्षा मंत्री, 'एनटीए में सुधार की जरूरत, दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा'

एनटीए द्वारा आयोजित नीट परीक्षा का विवाद अब काफी तूल पकड़ चुका है। परीक्षार्थियों और देशभर के युवाओं...
नीट परीक्षा विवाद पर बोले शिक्षा मंत्री, 'एनटीए में सुधार की जरूरत, दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा'

एनटीए द्वारा आयोजित नीट परीक्षा का विवाद अब काफी तूल पकड़ चुका है। परीक्षार्थियों और देशभर के युवाओं में रोष देखा जा रहा है। जगह जगह विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के खिलाफ बड़े पैमाने पर हो रहे विरोध प्रदर्शन के बीच केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी माना है कि नीट परीक्षा परिणाम में कुछ गड़बड़ियां हुई हैं। उन्होंने कहा कि जो भी दोषी पाया जाएगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा। 

गौरतलब है कि नीट परीक्षा का परिणाम आने के बाद से ही इसमें धांधली को लेकर देशभर में छात्र और अभिभावक एनटीए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। छात्र संगठन भी छात्रों के साथ मिलकर सड़कों पर उतरे हुए हैं।

वहीं, बिहार के पटना-नालंदा और गुजरात के गोधरा में नीट पेपर लीक की ओर इशारा करते सबूत मिले हैं। कुछ गिरफ्तारियां भी हुई हैं। बहरहाल, अब केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने भी अनियमितताओं की बात स्वीकार की है।

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने रविवार को संबलपुर ओडिशा में समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, "नीट के संबंध में दो प्रकार की अव्यवस्था का विषय सामने आया है। प्रारंभिक जानकारी थी कि कुछ छात्रों को कम समय मिलने के कारण उन्हें ग्रेस नंबर दिए गए। दूसरा यह कि दो जगहों पर कुछ गड़बड़ियां सामने आई हैं। मैं छात्रों और अभिभावकों को आश्वस्त करता हूं कि इसे सरकार ने गंभीरता के साथ ले रही है।"

उन्होंने आगे कहा, "सुप्रीम कोर्ट की अनुशंसा पर 1,563 अभ्यर्थियों की पुनः परीक्षा कराने का आदेश दिया गया है। दो स्थानों पर कुछ अनियमितताएं सामने आई हैं।एनटीए के बड़े अधिकारी भी दोषी पाए गए तो उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। एनटीए में बहुत सुधार की जरूरत है। सरकार इस बात को लेकर चिंतित है, किसी भी अपराधी को बख्शा नहीं जाएगा, उन्हें सख्त से सख्त सजा मिलेगी।"

बता दें कि शनिवार को धर्मेंद्र प्रधान ने कुछ छात्रों और अभिभावकों से अपने दफ्तर में मुलाकात भी की थी। उन्होंने बताया था, "जो छात्र आज हमसे मिलना चाहते थे, मैंने उन्हें बुलाया, उनके माता-पिता भी आए, मैं उनसे मिला। मैंने उनका पक्ष सुना और उन्हें बेहतर महसूस कराया। सरकार प्रतिबद्ध है और सभी छात्रों को यह आश्वासन मिलना चाहिए कि पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई जाएगी।"

शिक्षा मंत्री ने कहा था, "24 लाख विद्यार्थी आवेदक थे, और 23 लाख 30 हजार विद्यार्थियों ने परीक्षा दी है, यह स्वाभाविक है, जो भी शंकाएं उनके मन में आई, कुछ बातें मन में आईं कि ग्रेस मार्क्स के लिए समय की कमी के कारण केंद्र में कुछ अनियमितताएं देखी गईं, ग्रेस मार्क्स देने के लिए इस्तेमाल किए गए फार्मूले पर कुछ आपत्तियां उठाई गई थीं, उसे भी सुधार लिया गया है।"

उन्होंने कहा, "कल सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें फिर से परीक्षा देने की अनुमति दे दी है, उन्हें सूचित कर दिया गया है। जो लोग परीक्षा देना चाहते हैं, वे वहां भी परीक्षा दे सकते हैं।"

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