कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एके एंटनी ने रोहिंग्या समुदाय के लोगों को शरण नहीं देने पर मोदी सरकार की आलोचना की और शरणार्थियों की ‘रक्षा पर जोर देने’ वाली पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का उदाहरण पेश किया। पूर्व रक्षा मंत्री ने मदद और सुरक्षा चाहने वाले इस समुदाय के 40,000 रोहिंग्याओं वापस करने का आरोप कल सरकार पर लगाया।
उन्होंने कहा, ‘‘जब 70 के दशक में एक करोड़ से अधिक शरणार्थी बांग्लादेश से भारत आए तब पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अमेरिका के शक्तिशाली सातवें बेड़े की अनदेखी करते हुए उनकी सुरक्षा करने पर जोर दिया।’’ एंटनी ने कहा कि उन्होंने एक युद्ध का साहस दिखाया और उनके लिए एक नए राष्ट्र का निर्माण किया।
वह दिल्ली में केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट (केयूडब्ल्यूजे) के एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। एंटनी के मुताबिक भारतीय बहुलवाद और अभिव्यक्ति की आजादी पर हमले हो रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘आपके खाने के पसंद के चीजों, फिल्में देखने या किताब लिखने की भी स्वतंत्रता नहीं है। जो मूल्य सदियों से मौजूद हैं वे भी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि भारत में बहस और चर्चा की संस्कृति खत्म हो रही है।
एंटनी ने कहा, ‘‘वर्तमान स्थितियों में कोई भी व्यक्ति बिना डर के नहीं बोल सकता। अपने विचार अभिव्यक्त नहीं कर सकें, यह भारतीय मीडिया के लिए भी अच्छा नहीं है।’’
(पीटीआई से इनपुट)