पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने आम जरूरत और पेट्रोलियम पदार्थों के दामों की बढ़ोतरी के मामले में केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। उनका कहना है कि केंद्र सरकार देश की जीडीपी बढ़ाने की बात करती है लेकिन हकीकत में यह गैस, डीजल और पेट्रोल के दामों की बढ़ोतरी ही है।
कपिल सिब्बल ने कहा है कि केंद्र की सरकार एक लीटर ईँधन पर 48 रुपये का मुनाफा कमा रही है और इसे वहन कर रहा है आम आदमी जो मोटरसाइकिल से अपने बच्चे को स्कूल छोड़ने जाता है या वह किसान जो खेती के लिए डीजल का इस्तेमाल करता है। सरकार को आम आदमी की जेब पर पड़ने वाला यह बोझ दिखाई नहीं दे रहा है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दिल्ली में पहली मई 2014 को क्रूड बास्केट की कीमत 106. 85 डालर थी वह पहली सितंबर 2017 को घटकर 50.32 डालर की रह गई है यानी क्रूड तेल की कीमत 52.9 फीसदी घटी है जबकि इस पर एक्साइज ड्यूटी 9.20 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 21. 48 प्रति लीटर हो गई है यानी 133.47 फीसदी का इजाफा कर दिया गया है। इसी तरह डीजल की एक्साइड ड्यूटी चार सौ फीसदी से ज्यादा कर दी गई है।
महंगाई को लेकर पीएम पर निशाना साधते हुए कपिल सिब्बल ने कहा कि दाल, सरसों का तेल, आम आदमी की जरूरत की चीजों के दाम भी आसमान छू रहे हैं। कम से कम प्रधानमंत्री को इस पर अंकुश लगाना चाहिए था। इसी तरह रेलवे के टिकट केंसिलेशन की दर में भी सौ फीसदी का इजाफा कर दिया गया है यानी पहले 48 घंटे पहले टिकट कैंसिल कराने पर तीस रुपये लगते थे तो अब 60 रुपये लगते हैं। एसी टिकट कैंसिल कराने के दाम भी सौ फीसदी बढ़ा दिए गए हैं।
मालूम हो कि गुरुवार को कांग्रेस ने पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में बढ़ोतरी के विरोध में मानव श्रृंखला बनाकर विरोध जताया था तथा केंद्र की मोदी सरकार और दिल्ली की आप सरकार को इसके लिए जिम्मेदार बताया था। कांग्रेस का कहना था कि अगर केंद्र और दिल्ली की सरकार टैक्स हटाती है तो पेट्रोल की कीमत 34 रुपये और डीजल की 32 रुपये रह जाएगी।