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सरकार सौरभ कालिया मामले पर अंतरराष्‍ट्रीय कोर्ट जाने को तैयार

कारगिल शहीद सौरभ कालिया मामले पर बदला सरकार का रुख। विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज ने कहा कि शहीद सौरभ कालिया सहित पांच अन्य भारतीय जवानों को न्याय दिलाने के लिए केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद इंटरनेशनल कोर्ट में जाएगी। केंद्र सरकार ने आज ही यह निर्णय लिया है। इससे पहले संसद में विदेश राज्‍यमंत्री वीके सिंह की ओर से दिए जवाब के हवाले से खबर आई थी कि सरकार इस मामले को अंतरराष्‍ट्रीय न्‍यायालय में नहीं ले जाना चाहती है।
सरकार सौरभ कालिया मामले पर अंतरराष्‍ट्रीय कोर्ट जाने को तैयार

उदयपुर। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि कारगिल शहीद सौरभ कालिया सहित पांच अन्य भारतीय जवानों को न्याय दिलाने के लिए केंद्र सरकार उच्चतम न्यायालय से अनुमति मिलने के बाद इंटरनेशनल कोर्ट में जाएगी। स्वराज ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, सुबह से ही कारगिल युद्ध में शहीद हुए कैप्टन सौरभ कालिया का मुद्दा गर्माया हुआ है। हमने शहीद सौरभ कालिया और पांच अन्य शहीद सैनिकों के मुद्दे पर निर्णय ले लिया है।

उन्हाेंने कहा कि जिस तरह से सौरभ कालिया को यातनाएं दी गई और उसकी हत्या की गई, हम सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा पेश कर पूछेंगे कि क्या भारत इस तरह के अपराध के लिए अन्तर्राष्ट्रीय कोर्ट आफ जस्टिस में जा सकता है। यदि न्यायालय ने अनुमति दी तो हम अन्तर्राष्टीय कोर्ट आफ जस्टिस में जाएंगे। यह निर्णय आज की बैठक में लिया गया है।

विदेश मंत्री ने कहा कि अभी तक की सरकारों ने यह मत बनाया हुआ है कि भारत और पाकिस्तान किसी भी युद्ध के मुद्दे पर अंतरराष्‍ट्रीय न्‍यायालय में एक-दूसरे के खिलाफ याचिका दायर नहीं करेंगे। क्योंकि दोनों काॅमनवेल्थ के सदस्य देश हैं। लेकिन सरकार ने सौरभ कालिया के मुददे पर पुनर्विचार किया है। कैप्‍टन सौरभ कालिया अौर पांच अन्‍य सैनिकों को जिस तरह की यातनाएं दी गई वे अपवाद स्वरूप हैं। 

 

इंसाफ के लिए सौरभ कालिया के पिता का संघर्ष 

शहीद सौरभ कालिया के पिता एन.के. कालिया ने 2012 में सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई थी कि इस मामले को इंटरनेशनल कोर्ट में उठाए ताकि उनके बेटे की निर्मम हत्‍या करने वाले पाकिस्‍तानी सैनिकों को सजा मिल सके। युद्धबंदियों के साथ इस तरह का बर्ताव जेनेवा समझौते का उल्लंघन है।

गौरतलब है कि 4 जाट रेजीमेंट के कैप्टन सौरभ कालिया को 15 मई 1999 को पांच जवानों के साथ बंधक बना लिया गया था। पाकिस्तानी सैनिकों ने उनके साथ खूब अमानवीय अत्याचार किए, जिसकी वजह से उनकी मृत्यु हो गई थी। पाकिस्तान ने 9 जून 1999 को भारतीय अधिकारियों को पांचों सैन्य के क्षत विक्षप्त शव सौपें थे। हालांकि पाकिस्तान लगातार अत्याचारों के आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि खराब मौसम के कारण उनकी मौत हुई। 

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