पीएम ने कहा कि वह उन सब लोगों का धन्यवाद देते हैं, जिन्होंने समय निकाल कर सरकार के काम की गहराई से विवेचना की। उन्होंने कहा, “रचनात्मक आलोचना लोकतंत्र को बल देता है। एक जागरूक राष्ट्र के लिए, एक चैतन्य पूर्ण राष्ट्र के लिए, ये मंथन बहुत ही आवश्यक होता है।”
रमजान की मुबारकबाद
प्रधानमंत्री मोदी ने सबसे पहले सबको रमजान की मुबारकबाद दी। उन्होंने कहा, “रमजान में प्रार्थना और अध्यात्म है। भारत इस बात का गर्व कर सकता है कि दुनिया के सभी संप्रदाय के लोग इस देश में रहते हैं। मूर्ति पूजा का विरोधी और मूर्ति पूजा करने वाले लोग भी इस यहां साथ रहते हैं। हम लोगों मे एक साथ जीने की कला है। रमजान का पवित्र महीना शांति और एकता के साथ आगे बढ़ने में सहायक होगा।”
सावरकर जयंती पर भी बोले पीएम
पीएम मोदी ने कहा, “मुझे यह जानकर खुशी है कि युवा पीढ़ी हमारे महापुरुषों के बारे में जानने में रुचि रखती है। आज वीर सवारकर जी की जयंती है। मैं देश के युवा पीढ़ी को जरूर कहुंगा कि अंडमान जाकर सेल्युलर जेल जाकर जरूर देखें।”
स्वच्छता के लिए हर बार हमें नए कदम उठाना जरूरी
मन की बात में पीएम मोदी ने स्वच्छता पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि स्वच्छता के लिए हर बार हमें नए कदम उठाना है तभी हम गांधी जी का सपना पूरा कर पाएंगे। एक आदमी ठान ले तो क्या कर सकता है। मुंबई के वर्सोवा बीच का लोगों ने कायाकल्प कर दिया। एक सज्जन श्रीमान अफरोज शाह अक्टूबर 2015 से जुटे हुए थे। उनके युनाइटेड नेशंस की ओर से पुरस्कार दिया गया है। स्वच्छ भारत के अभियान के तहत जम्मू-कश्मीर का रियासी ब्लॉक खुले में शौच से मुक्त हो गया है। वहां की मां-बहनों ने इसके लिए जागरुकता फैलाई है।