तुषार गांधी ने मुंबई में पीटीआई से कहा, मैं प्रतिबंध की इस संस्कृति का विरोध करता हूं। इसलिए, मैं सनातन संस्था को प्रतिबंधित करने की मांग का विरोध करता हूं। किसी संगठन पर पाबंदी लगाना अलोकतांत्रिक है।
उन्होंने कहा, मैं उस विचारधारा से आता हूं जो प्रतिबंध की संस्कृति का विरेाध करती है। मुझे लगता है कि किसी को प्रतिबंधित करने को सही नहीं ठहराया जा सकता। उनके खिलाफ अभियोजन चलाना और उन्हें दंडित करना बेहतर है।
तुषार गांधी ने कहा, जब आप किसी को प्रतिबंधित करते हैं तो आप उनको शहीद बना देते हैं और परिणामस्वरूप उन्हें ज्यादा सहानुभूति मिलती है। गांधी ने यह टिप्पणियां ऐसे समय कीं जब गोवा में कांग्रेस ने राज्य के दक्षिणपंथी संगठन पर पाबंदी की मांग की है। यह संगठन वर्ष 2013 में तर्कवादी दाभोलकर की हत्या के सिलसिले में जांच के दायरे में है।