लखनऊ में कंपनी के पंजीकृत भवन पर चस्पां की गई नोटिस के मुताबिक आगामी 21 जनवरी को अपराह्न तीन बजे शहर के कैसरबाग स्थित विशेश्वर नाथ मार्ग पर साधारण सभा आयोजित की जाएगी। यह बैठक एजेएल को कम्पनी अधिनियम 2013 की धारा आठ के तहत गैर-लाभकारी स्वरूप देने के लिए उसके 762 शेयरधारकों की रजामंदी लेने के लिए आयोजित होगी। शेयरधारकों की सहमति से कंपनी का नया नाम भी रखा जाएगा। नोटिस में कहा गया है कि कंपनी का बोर्ड पिछले चार साल से ज्यादा समय से यह विचार कर रहा है कि वित्तीय लाभ कमाना कंपनी का उद्देश्य नहीं होना चाहिए। उसे अपने सदस्यों को मुनाफा या लाभांश बांटने के बजाय व्यापक जनहित में कार्य करना चाहिए। नोटिस के मुताबिक बोर्ड ने कंपनी को धारा आठ वाली गैर-लाभकारी कंपनी का रूप देने के लिए जरूरी कदम उठाने का निर्णय लिया है। इसी मकसद को अमली जामा पहनाने के लिए आगामी 21 जनवरी को एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के सदस्यों की महासभा बुलाई गई है। दस्तावेज में शेयरधारकों को यह भी बताया गया है कि महासभा में मेमोरेण्डम ऑफ एसोसिएशन और आर्टिकल्स ऑफ एसोसिएशन में बदलाव का निर्णय किया जाएगा। साथ ही तरजीही शेयरों पर फैसला लेना भी एजेंडा का मुख्य बिंदु होगा।
कंपनी अधिनियम की धारा आठ के तहत वाणिज्य, कला, विज्ञान, खेल, शिक्षा, शोध, समाज कल्याण, धर्म, दान तथा पर्यावरण संरक्षण या अन्य किसी कल्याणकारी उद्देश्य के लिए स्थापित उपक्रम आते हैं। ऐसी कंपनियों की गतिविधियों से प्राप्त लाभ को सिर्फ कंपनी के उद्देश्यों की पूर्ति के काम में ही इस्तेमाल किया जा सकता है। धारा आठ की कंपनी के शेयरधारकों को किसी तरह का लाभांश नहीं मिलता है। यह नोटिस एजेएल के प्रबंध निदेशक मोतीलाल वोरा ने जारी किया है। वोरा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी समेत उन लोगों में शामिल हैं जिन्हें दिल्ली की एक अदालत से नेशनल हेरल्ड मामले में जमानत लेनी पड़ी है। माना जा रहा है कि शेयरधारकों की बैठक बुलाने का मकसद उन कथित गड़बडि़यों को ठीक करना है जिनके पाए जाने पर दिल्ली की अदालत ने सोनिया, राहुल तथा अन्य तीन आरोपियों को तलब किया था।
गौरतलब है कि वोरा तथा कंपनी के अन्य निदेशकों द्वारा वर्ष 2010 में अपनी पूरी इक्विटी सोनिया और राहुल की बड़ी हिस्सेदारी वाली यंग इंडियन लिमिटेड (वाईआईएल) नामक नई कंपनी को कथित रूप से हस्तान्तरित किए जाने के बाद से एजेएल और उसके पदाधिकारी निशाने पर हैं। इनमें वोरा के अलावा ऑस्कर फर्नांडीस, सैम पित्रोदा तथा सुमन दुबे भी शामिल हैं। वाईआईएल, कंपनी अधिनियम 1956 की धारा 25 के तहत एक गैर-लाभकारी कंपनी है। उसे भी यह सुनिश्चित करना है कि उसके द्वारा कमाए गए लाभ तथा अर्जित अन्य आय का इस्तेमाल सिर्फ कंपनी के उद्देश्यों की पूर्ति में होता है। ऐसी कंपनी भी अपने सदस्यों को लाभांश नहीं दे सकती। कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम उठाने के बाद दोनों कंपनियों का विलय हो सकता है।