Advertisement

सीआईसी की अनुपस्थिति में सूचना आयुक्त संभालेंगे काम

केंद्र सरकार को झटका देते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्रीय सूचना आयोग के वरिष्ठतम सूचना आयुक्त से कहा है कि वह अपने मुखिया की अनुपस्थिति में मामले पर सुनवाई करें। अदालत ने कहा कि किसी भी तरह का बैकलॉग आरटीआई आवेदकों के हितों को खतरे में डालेगा।
सीआईसी की अनुपस्थिति में सूचना आयुक्त संभालेंगे काम

न्यायमूर्ति राजीव शकधर की पीठ आरटीआई आवेदक सुशीला कुमारी के बचाव में आई है, जो सीआईसी में 22 अगस्त, 2014 से सुनवाई की प्रतीक्षा कर रही हैं क्योंकि मुख्य सूचना आयुक्त का पद खाली है और केंद्र सरकार इसे भरने के लिए किसी जल्दी में नहीं दिखाई देती। इसे लेकर सरकार विपक्षी दलों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के भी निशाने पर है। अब हाईकोर्ट ने कहा है कि वरिष्ठतम सूचना आयुक्त को याचिकाकर्ता के मामले पर सुनवाई की जिम्मेदारी सौंपी जाए।

 

अदालत ने कहा, ‘मेरी राय है कि मौजूदा व्यवस्था (मुख्य सूचना आयुक्त की अनुपस्थिति) से सीआईसी के समक्ष दायर मामलों का निपटारा करने में बैकलॉग हो जाएगा। यह व्यवस्था उन सवाल पूछने वालों के हितों को खतरे में डाल देगी जो रक्षा मामलों से संबंधित सूचना मांगते हैं। अदालत ने कहा, इसलिए रिट याचिका का निस्तारण इस निर्देश के साथ किया जा रहा है कि याचिकाकर्ता की अपील पर वरिष्ठतम सूचना आयुक्त सुनवाई करेंगे। सूचना आयुक्त अपील का यथासंभव तेजी से निस्तारण करने का प्रयास करेंगे और इसके लिए 10 हफ्ते से अधिक समय नहीं लिया जाएगा। अदालत ने कहा, इस बीच, अगर मुख्य सूचना आयुक्त को नियुक्त किया जाता है तो इस संबंध में उचित आदेश लिए जाएंगे। गौरतलब है कि सीआईसी का पद पिछले साल अगस्त में राजीव माथुर की सेवानिवृत्ति के बाद से रिक्त है।

 

सुशीला कुमारी ने अपनी याचिका में कहा था कि प्रधानमंत्री कार्यालय, रक्षा मंत्रालय और मानव संसाधन विकास मंत्रालय से संबंधित आरटीआई आवेदनों समेत सभी मामले लंबित हैं। लंबित अपीलों और शिकायतों की संख्या बढ़कर 14 हजार पहुंच गई है। सीआईसी का प्रतिनिधित्व अधिवक्ता मृणालिनी सेन ने किया। उन्होंने कुमारी की अर्जी का यह कहते हुए विरोध किया कि  सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा 12 (4) के तहत सिर्फ सूचना आयुक्त मामले का श्रेणीकरण कर सकते हैं और मामले को एक खास पीठ के समक्ष रखने का निर्देश दे सकते हैं।

 

गौरतलब है कि उच्च न्यायालय ने पहले ही केंद्र से कहा था कि वह मुख्य सूचना आयुक्त और आईसी की सीआईसी में नियुक्ति की प्रक्रिया को तेज करे और 11 मई तक प्रगति के बारे में सूचित करे क्योंकि रिक्तियों की वजह से काफी मामलों का बैकलॉग हो गया है।

Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad