शनिवार को झाबुआ के पेटलावद में हुए विस्फोट में 90 लोग मर गए तो मीडिया में मात्र खबर के तौर पर चला। आरोपी राजेंद्र कसावा फरार हैं। प्रशासन ने एसडीएम समेत स्थानीय अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया है। लेकिन पेटलावद में इस प्रकार की विस्फोटक सामग्री रखी हुई है और कभी भी कोई हादसा हो सकता है इस बारे में लोग कई दफा स्थानीय प्रशासन से शिकायत कर चुके थे। मध्य प्रदेश के सामाजिक कार्यकर्ता संदीप नाईक बताते हैं कि आसपास के रहने वाले कई लोग यह शिकायत लेकर कलेक्टर ऑफिस गए थे लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई थी। नाईक के अनुसार इसकी वजह थी कि कसावा के स्थानीय नेताओं से बहुत अच्छे संबंध थे। गौरतलब है कि खनन को लेकर झाबुआ बारूद के मुहाने पर है। व्यापम घोटाले का आरोपी सुधीर शर्मा भी झाबुका का ही रहने वाला है। झाबुआ के अलावा ग्वालियर और मुरैना में भी अवैध खनन का काम जोरों पर है।
यह विस्फोटक सामग्री ब्लास्ट करने के लिए खनन में प्रयोग की जाती है। झाबुआ में खनन का ज्यादातर काम मेघनगर में है। मेघनगर, पेटलावद से लगभग 45-50 किलोमीटर की दूरी पर है। अवैध खनन के खिलाफ काम करने वाले बताते हैं कि हैरानी की बात है कि जब खनन का काम मेघनगर में है तो इतनी बड़ी तादाद में सामग्री पेटलावद में क्यों? आने वाले दिनों में झाबुआ में उपचुनाव भी हैं। यहां से भाजपा सांसद दिलीप सिंह भूरिया का निधन हो गया था। भूरिया की बेटी निर्मला भूरिया यहां से मौजूदा विधायक हैं। कुछ लोग इसे राजनीति और चुनाव से जोड़कर भी देख रहे हैं।