ट्विटर इंडिया के प्रमुख मनीष माहेश्वरी ने गाजियाबाद पुलिस की पूछताछ से पहले कर्नाटक हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। आज सुनवाई के बाद कोर्ट ने मनीष को अंतरिम राहत दी और गाजियाबाद पुलिस को उनके खिलाफ कोई कठोर कदम नहीं उठाने का निर्देश दिया है।
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कहा कि अगर गाजियाबाद पुलिस ट्विटर एमडी की जांच करना चाहती है तो वह वर्चुअली कर सकती है। माहेश्वरी ने बुधवार 23 जून को लोनी वायरल वीडियो मामले में याचिका दायर कर ट्रांजिट अग्रिम जमानत की मांग की थी। इस याचिका में यूपी पुलिस द्वारा जारी सीआरपीसी की धारा 41ए को चुनौती दी गई थी।
गाजियाबाद पुलिस ने 15 जून को ट्विटर इंक, ट्विटर कम्युनिकेशंस इंडिया, समाचार वेबसाइट द वायर, पत्रकार मोहम्मद जुबैर और राणा अय्यूब के अलावा कांग्रेस नेताओं सलमान निजामी, मस्कूर उस्मानी, शमा मोहम्मद और लेखक सबा नकवी के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
उन पर एक वीडियो प्रसारित होने को लेकर मामला दर्ज किया गया था, जिसमें बुजुर्ग व्यक्ति अब्दुल शमद सैफी का दावा है कि 5 जून को कुछ युवकों ने उनकी कथित रूप से पिटाई की और उनसे 'जय श्री राम' का नारा लगाने के लिए कहा। पुलिस का दावा है कि वीडियो को सांप्रदायिक अशांति फैलाने के लिए शेयर किया गया था।