सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को खाप पंचायत मामले पर बेहद सख्त रुख अपनाते हुए एक बार फिर दोहराया कि अगर दो बालिग शादी करने का फैसला करते हैं, तो उसमें कोई भी दखल नहीं दे सकता।
सोमवार को चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ऑनर किलिंग रोकने के लिए गाइडलाइंस के लिए डाली गई याचिका पर सुनवाई कर रही थी। बेंच में जस्टिस मिश्रा के अलावा एएम खानविलकर और डीवाई चंद्रचूड़ शामिल थे।
Khap Panchayat matter: Supreme Court asks Central government, petitioners to come up with effective suggestions in connection with the protection of the couples in Khap Panchayat matters.
— ANI (@ANI) February 5, 2018
बेंच ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि कोई खाप, समाज या माता-पिता बालिगों को किसी के साथ प्रेम विवाह करने से रोक नहीं सकते। जब देश में किसी भी अवैध विवाह को रोकने के लिए कानून हैं, इन्हें कानून को अपने हाथ में लेकर समाज का रखवाला बनने की जरूरत नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से ऐसे जोड़ों की सुरक्षा करने को भी कहा, जिन्हें ऑनर किलिंग या खाप पंचायतों का खतरा हो।
कोर्ट ने केंद्र सरकार और याचिकाकर्ताओं से ऐसे उपाय मांगे, जिससे इन विवाहित दंपतियों को सुरक्षा प्रदान की जा सके। सुप्रीम कोर्ट ने साथ ही कहा कि उन्हें सुरक्षा देना पुलिस की जिम्मेदारी है।
इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने खाप की पैरवी करते वकील से बेहद सख्त लफ्ज में कहा, 'कोई शादी वैध है या अवैध, यह फैसला बस अदालत ही कर सकती है। आप इससे दूर रहें।’