इसी बीच रोहतक में कुछ संगठनों ने आंदोलन से हटने का फैसला किया है। रोहतक के उपायुक्त अतुल कुमार ने बताया कि 6 संगठनों ने बातचीत के बाद आंदोलन वास ले लिया। रोहतक शहर में हालात पूरी तरह शांतिपूर्ण हैं। जैसिया गांव में एक ग्रुप विरोध प्रदर्शन करेगा। किसी भी तरह के हालात से निपटने के लिए पूरी तैयारियां हैं। रोहतक में अर्धसैनिक बलों की 6 कंपनियां तैनात हैं'।
कई जाट नेताओं ने रविवार से आंदोलन शुरु करने की रणनीति बनाई है। पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने जाट एवं अन्य समुदाय के लिए रिजर्वेशन कोटे की अधिसूचना पर रोक लगा दी थी। जिसके बाद एक बार फिर जाटों ने आंदोलन की घोषणा कर दी। आल इंडिया जाट आरक्षण संघर्ष समिति (एआईजेएएसएस) ने आंदोलन करने की बात कही है। हरियाणा ने अपने पांच दशकों के इतिहास में इस साल फरवरी में जाट आंदोलन के दौरान हिंसा का सबसे खराब दौर देखा था। आंदोलन के दौरान 30 लोगों की जान गई थी, 320 लोग घायल हुए थे और सैकड़ों करोड़ की संपत्ति बर्बाद हुई थी। करीब 10 दिनों तक राज्य में कुछ काम नहीं हो सका था। हरियाणा के अपर मुख्य सचिव गृह राम निवास ने यहां कहा कि हरियाणा में अर्धसैनिक बलों की कंपनियां कानून व्यवस्था बनाए रखने में राज्य पुलिस की सहायता करेंगी।