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वसीम रिजवी के खिलाफ लीगल नोटिस, मदरसों को लेकर लिखा था विवादित पत्र

उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी के खिलाफ जमीयत उलेमा-ए-हिन्‍द ने लीगल...
वसीम रिजवी के खिलाफ लीगल नोटिस, मदरसों को लेकर लिखा था विवादित पत्र

उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी के खिलाफ जमीयत उलेमा-ए-हिन्‍द ने लीगल नोटिस जारी किया है। संस्था का आरोप है कि रिजवी ने 9 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को लिखी अपनी चिट्ठी में मदरसों को लेकर विवादित बात कही है।


बता दें कि यूपी शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के प्रेसिडेंट वसीम रिजवी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखा था। रिजवी ने न्‍यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत के दौरान कहा था, 'मदरसों को CBSE, ICSE बोर्ड में शामिल किया जाना चाहिए। मदरसों में गैर मुस्लिम छात्रों को भी पढ़ने की इजाजत मिलनी चाहिए एवं धार्मिक शिक्षा वैकल्पिक होनी चाहिए।’

उन्होंने कहा, ‘मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्‍यना‍थ को इस बाबत पत्र लिखा है। यह हमारे देश को और भी मजबूत बना देगा।’ उन्‍होंने आगे कहा, ‘कितने मदरसों ने इंजीनियर, डॉक्टर, आईएएस अधिकारी बनाए हैं? हां, लेकिन कुछ मदरसों ने आतंकवादी जरूर पैदा किए हैं।’

 

 

वसीम रिजवी के इस तरह के बयान के बाद एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पलटवार करते हुए कहा कि वसीम एक बड़े जोकर ही नहीं बल्कि बहुत अवसरवादी व्‍यक्ति हैं। उन्‍होंने अपनी आत्‍मा आरएसएस के हाथों बेच दी है। मैं उनको चुनौती देता हूं कि वो किसी ऐसे शिया या सुन्‍नी मदरसे के बारे में बताएं, जहां इस तरह की शिक्षा दी जाती हो। अगर उनके पास ऐसा कोई सबूत है तो गृह मंत्रालय को जाकर दें।

उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने मदरसों व इस्लामी शैक्षणिक संस्थानों को और बेहतर बनाने की कवायद के तहत इन संस्थानों में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण (एनसीईआरटी) की किताबें पढ़ाने का निर्णय लिया था।

इस बाबत उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा था कि मदरसों में एनसीईआरटी की किताबों से पढ़ाई होगी। आधुनिक विषयों के साथ ये स्कूलों के संग बराबरी कर पाएंगे, आलिया स्तर पर गणित और साइंस अनिवार्य होगी।

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