Advertisement

एक्सक्लूसिव- मलेशिया ने मप्र में निवेश से तौबा करने की चेतावनी दी

मलेशिया ने चेताया है कि वहां की कंपनियां भारत में निवेश करने से तौबा कर सकती हैं। वे भारत, खासकर मध्य प्रदेश में अपने निवेश की सुरक्षा और यहां की कार्यप्रणाली से असंतुष्ट हैं। भारत में मलेशिया के हाई कमिश्नर दातुक नैमन अशाकिल बिन मोहम्मद ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर वहां निवेश करने वाली एक कंपनी का भुगतान रोके जाने को लेकर कड़ी नाराजगी जताई है। उन्होंने लिखा है कि अदालत के फैसलों के बावजूद मध्य प्रदेश सरकार के `मध्य प्रदेश रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (एमपीआरडीसी)‘ ने भुगतान रोक रखा है।
एक्सक्लूसिव- मलेशिया ने मप्र में निवेश से तौबा करने की चेतावनी दी

दरअसल, मलेशिया की कंपनी धाया माजू इंफ्रास्ट्रक्चर एशिया (डीएमआईए) ने भारत में इनकॉरपोरेट की गई कंपनी जबलपुर कॉरिडोर (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड के जरिए निवेश किया। मध्य प्रदेश में 2003 में 170 किलोमीटर सागर-दमोह-जबलपुर स्टेट हाईवे निर्माण का ठेका हासिल किया। 2007 में यह काम पूरा कर दिया गया। 120 करोड़ रुपए का काम था। इसमें 65 करोड़ रुपए का भुगतान मध्य प्रदेश सरकार ने रोक रखा है।

भुगतान न किए जाने का विवाद 2011 में एमपीआरडीसी और जबलपुर कॉरिडोर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा मिलकर नियुक्त किए गए स्वतंत्र आर्बिट्रेटर के एक पैनल के पास गया। वहां से 2014 में कंपनी के पक्ष में फैसला आया। फिर निचली अदालत और हाई कोर्ट में भी भुगतान का आदेश पारित किया गया। सुप्रीम कोर्ट में एमपीआरडीसी के तर्क को खारिज कर दिया गया। 23 अगस्त 2016 को हाई कोर्ट ने 55 फीसद अंतरिम भुगतान का आदेश दिया है, लेकिन मध्य प्रदेश सरकार की एजेंसी चुप्पी साधे हुए है।

Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad