हालांकि राज्य सरकार ने कहा कि किसी भी हालात से निपटने को तैयार हैं। वहीं सीएम मनोहर लाल खट्टर ने इस मामले को लेकर पीएम मोदी से मिलने का समय मांगा है। सोमवार को विभिन्न जाट संगठनों ने मनोहर लाल खट्टर सरकार द्वारा मांग न माने जाने की स्थिति में आरक्षण आंदोलन फिर से शुरू करने की धमकी दी थी और सरकार को 72 घंटे की समयसीमा दी थी। पिछले महीने जाट आंदोलन ने राज्य को हिलाकर रख दिया था और इसमें 30 लोग मारे गए थे। केंद्र ने अर्द्धसैनिक बलों की 80 कंपनियां (करीब 800 कर्मी) हरियाणा में भेजी हैं जो रोहतक और झज्जर जैसे संवेदनशील जिलों में तैनात की गई हैं। पिछले महीने जाट आंदोलन में ये दोनों जिले सर्वाधिक प्रभावित हुए थे।
सुरक्षाबल पिछले महीने बड़े पैमाने पर हुई आगजनी और हिंसा के मद्देनजर लोगों को आश्वस्त करने के लिए फ्लैग मार्च भी कर रहे हैं। रोहतक रेंज के पुलिस महानिरीक्षक संजय कुमार ने आज कहा, हमें पहले ही अद्र्धसैनिक बल मिल चुका है। पुलिस अलर्ट पर है और हम सभी इंतजाम (कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए) कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि संवेदनशील क्षेत्रों और रोहतक के आसपास तैनाती के लिए राज्य के भीतर से भी अतिरिक्त पुलिस बल की व्यवस्था की गई है। कुमार ने कहा, हमने पर्याप्त पुलिस सुरक्षा इंतजाम किए हैं। हमारे पास पर्याप्त बल है और आवश्यकता के हिसाब से तैनाती कर रहे हैं।
हाल की हिंसा में सर्वाधिक प्रभावित हुए रोहतक, भुाज्जर तथा कुछ अन्य क्षेत्रों में स्थिति के बारे में पूछे जाने पर महानिरीक्षक ने कहा, फिलहाल स्थिति सामान्य है। खबरों में कहा गया है कि अधिकारियों ने जींद और सोनीपत सहित कई शहरों में सुरक्षा बढ़ा दी है तथा अतिरिक्त सुरक्षाकमर्ी तैनात किए हैं क्योंकि आरक्षण की मांग स्वीकार करने के लिए जाटों द्वारा दी गई समयसीमा आज समाप्त हो रही है। अखिल भारतीय जाट महासभा के अध्यक्ष हवा सिंह सांगवान ने कहा था, राज्य सरकार के पास 17 मार्च तक का समय है। अब तक सरकार ने हमारी किसी मांग पर कोई जवाब नहीं दिया है।