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मुंबई: विरोध की धमकियों के बीच फिल्मोत्सव से हटाई गई पाकिस्तानी फिल्म

मुंबई अंतरराष्ट्रीय फिल्मोत्सव (मामी) पर भी सोमवार को भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव की छाया देखने को मिली। फिल्मोत्सव के आयोजकों ने पाकिस्तानी फिल्म जागो हुआ सवेरा की स्क्रीनिंग के दौरान विरोध प्रदर्शन के खतरे को देखते हुए अपने रेट्रोस्पेक्टिव वर्ग से इस फिल्म को हटा दिया है।
मुंबई: विरोध की धमकियों के बीच फिल्मोत्सव से हटाई गई पाकिस्तानी फिल्म

मामी के आयोजकों ने एक बयान में कहा, मौजूदा स्थिति को देखते हुए स्टार के साथ जियो मामी 18वें मुंबई फिल्मोत्सव ने रिस्टोर्ड क्लासिक्स सेक्शन के तहत जागो हुआ सवेरा को प्रदर्शित नहीं करने का फैसला किया है। शहर के एक संगठन संघर्ष ने 1958 में बनी इस फिल्म की स्क्रीनिंग के दौरान प्रदर्शन करने की धमकी दी थी। संगठन ने 20 अक्तूबर से शुरू हो रहे फिल्मोत्सव में प्रदर्शन के लिए पुलिस से भी अनुमति मांगी है। पिछले महीने उड़ी आतंकी हमले के कारण भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने के बाद कुछ संगठन पाकिस्तान के कलाकारों और फिल्मों पर रोक लगाने की मांग उठा रहे हैं। मामी फिल्मोत्सव की अध्यक्षता फिल्मकार किरण राव कर रहीं हैं जिसमें 27 अक्तूबर तक 54 देशों की 180 फिल्में प्रदर्शित की जाएंगी।

ए जे कारदार द्वारा निर्देशित जागो हुआ सवेरा का प्रदर्शन इस साल कान फिल्मोत्सव की क्लासिक श्रेणी में किया गया था। फिल्म का निर्माण उस समय हुआ था जब बांग्लादेश और पाकिस्तान अलग नहीं थे। फिल्म की शूटिंग ढाका में हुई थी। इस फिल्म का चयन वर्ष 1960 में 32वें अकादमी पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा की फिल्म के लिए पाकिस्तान की प्रविष्टि के रूप में किया गया था। फिल्म में तृप्ति मिश्रा, जुरैन रक्षी और खान अताउर रहमान आदि की भूमिकाएं हैं। संघर्ष फाउंडेशन के पृथ्वी म्हास्के, सेंसर बोर्ड के सदस्य अशोक पंडित, फिल्मकार विवेक अग्निहोत्री और अभिनेता जॉर्ज बेकर ने फिल्म नहीं दिखाने के मुंबई एकेडमी ऑफ मूविंग इमेज के फैसले का स्वागत किया। बांग्ला और असमिया सिनेमा के लोकप्रिय अभिनेता बेकर ने कहा कि प्राथमिकता राष्ट्रीय भावनाओं को दी जानी चाहिए।

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