भारतीय तटरक्षक बल के कमांडर (पूर्व) महानिरीक्षक राजन बरगोत्रा ने चेन्नई में बताया, फिलहाल इस विमान के मलबे या जीवित बचे लोगों का कोई पता नहीं चला है। उन्होंने कहा, नौसेना के 13 पोत, तटरक्षक बल के दो पोतों के अलावा अंडमान व निकोबार द्वीप समूहों से संसाधन इस अभियान में लगाए गए हैं। उन्होंने कहा, हम समुद्र में मलबे या जीवित बचे लोगों का पता नहीं लगा सके हैं। तटरक्षक बल एएन-32 विमान के लिए तलाशी अभियान में समन्वय स्थापित कर रहा है। यह विमान 22 जुलाई को तंबरम हवाईअड्डा से उड़ान भरने के 16 मिनटों बाद ही राडार से बाहर हो गया था। विमान पोर्ट ब्लेयर के लिए निकला था। बरगोत्रा ने बताया कि पिछले चार दिनों के दौरान तलाशी अभियान का दायरा बढ़ाया गया है और हम सभी दिशाओं में इसे तलाश रहे हैं। हम कुछ वस्तुएं उठा रहे हैं, लेकिन वे इस विमान से जुडी नहीं हैं। वर्तमान में तलाश जारी है।
इस खोज अभियान में आ रही चुनौतियों के बारे में बरगोत्रा ने कहा कि मौसम खराब था, लेकिन कल से इसमें सुधार आया है। विमान के इमर्जेंसी लोकेटर ट्रांसमीटर (ईएलटी) से प्रकाशस्तंभों की अनुपस्थिति के संदर्भ में उन्होंने कहा कि इससे मिले संकेतों से बचाव का काम काफी आसान हो गया होता। ईएलटी ने काम नहीं किया जो कि चिंता का कारण है। बरगोत्रा ने कहा कि समुद्री सतह पर खोज के बाद अगला कदम समुद्र के भीतर खोज करने का होगा। यह बहुत आसान नहीं है। उन्होंने बताया कि नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओशन टेक्नोलाजी (एनआईओटी) और एनसीओआईएस सहित कई एजेंसियां इस तलाशी अभियान में समन्वय स्थापित कर रही हैं और जरूरत पड़ने पर एनआईओटी के पोत सागर निधि का इस्तेमाल तलाशी अभियान में किया जाएगा।