दिल्ली में प्रदूषण की खतरनाक स्थिति से निपटने के प्रयास के तहत एक बार फिर से ऑड-इवेन योजना लागू करने का फैसला किया गया है। यह योजना 13 नवंबर से पांच दिन के लिए लागू होगी।
दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि यह योजना सुबह आठ से रात आठ बजे तक प्रभावी रहेगी और महिला चालक और दोपहिया चालक इसके दायरे से बाहर होंगे।
गहलोत ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘पिछले साल की तरह इस बार भी छूट होगी और लोगों को घबराने की कोई जरूरत नहीं है।’’ मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि वह दिल्ली और इसके आसपास के मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाएं ताकि इस संकट का समाधान निकाला जा सके।
दिल्ली सरकार ने डीटीसी को निर्देश दिया कि वह निजी ठेकेदारों से 500 बसें ले ताकि ऑड-इवेन के दौरान यात्रियों की संख्या बढ़ने की स्थिति को संभाला जा सके।
गहलोत ने कहा, ‘‘दिल्ली मेट्रो ने भी सम-विषम की अवधि के दौरान 100 छोटी बसें देने का वादा किया था। स्कूल स्वेच्छा से अपनी बसें मुहैया कराने के लिए स्वतंत्र हैं। बहरहाल, कोई अनिवार्यता नहीं होगी।’’ सीएनजी वाहनों को छूट होगी, लेकिन उन पर स्टीकर लगा होना चाहिए। ये स्टीकर कल दिन में दो बजे से दिल्ली के 22 आईजीएल स्टेशनों पर मिलेंगे।
मंत्री ने कहा, ‘‘पिछले ऑड-इवेन के दौरान जारी किए गए स्टीकर भी मान्य होंगे।’’ शहर में प्रदूषण के खतरनाक स्थिति तक पहुंच जाने के बाद यह कदम उठाने का फैसला किया गया है।
ऑड-इवेन योजना के तहत एक दिन वे निजी वाहन चलेंगे जिनकी पंजीकरण प्लेट की आखिरी संख्या सम होगी तथा दूसरे दिन उन वाहनों को चलाने की इजाजत होगी जिनकी संख्या विषम होगी।
साल 2016 में एक जनवरी से 15 जनवरी और 15 अप्रैल से 30 अप्रैल तक सम-विषम योजना दो चरण में लागू की गई थी।