दरअसल स्वामी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने लखनऊ पहुंचे हैं। उनसे मुलाकात के बाद उन्होंने यह बयान दिया है। स्वामी ने पत्रकारों से कहा, ''सीएम से जो बात हुई है, वो शेयर नहीं करूंगा। हां, राम मंदिर वहीं बनेगा और हम कोर्ट में केस जीतेंगे। मस्जिद तो कहीं भी बन सकती है। अब दोनों सरकारों का कोई मतलब नहीं है। मैं अकेला ही काफी हूं। मैं राम मंदिर मुद्दे के विरोधी पक्ष से अब अपील नहीं करूंगा, बल्कि ये कहूंगा कि होश में आओ।''
स्वामी ने अयोध्या में रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद की कानूनी लड़ाई में जीत का विश्वास व्यक्त करते हुए आज कहा कि अगर मुसलमान इस मामले में समझौता नहीं करना चाहते तो मामले का समाधान अब अदालत से ही होगा। उन्होंने कहा, हिन्दू-मुस्लिम एकता करनी है, मस्जिद कहीं भी बना लीजिये। जहां राम पैदा हुए, वहां तो बना नहीं सकते। मंदिर था, तोड़कर मस्जिद बनायी थी। स्वामी ने कहा, संविधान के अनुच्छेद 25 के अनुसार मेरा मौलिक अधिकार है कि मैं अपनी आस्था के अनुसार जहां चाहूं, वहां पूजा कर सकता हूं।
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने हाल में रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले को संवेदनशील बताते हुए सम्बन्धित दोनों पक्षों से आपसी सहमति से हल निकालने का सुझाव देते हुए पेशकश की थी कि अगर दोनों पक्ष चाहें तो अदालत इसमें मध्यस्थता के लिये तैयार हैं।
हालांकि मामले के एक प्रमुख पक्षकार ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड ने पिछले 15 अप्रैल को अपनी कार्यकारिणी की बैठक में इस पेशकश को नामंजूर करते हुए कहा था कि बातचीत के बजाय सिर्फ अदालत से ही इस मसले का हल निकलेगा।