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गुजरात विधानसभा में इस बार 'गंभीर' आपराधिक बैकग्राउंड के विधायकों की संख्या बढ़ी

गुजरात विधानसभा चुनाव नतीजे आने के बाद लोकतांत्रिक सुधार के लिए काम करने वाले संगठन एसोसिएशन फॉर...
गुजरात विधानसभा में इस बार 'गंभीर' आपराधिक बैकग्राउंड के विधायकों की संख्या बढ़ी

गुजरात विधानसभा चुनाव नतीजे आने के बाद लोकतांत्रिक सुधार के लिए काम करने वाले संगठन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने विधायकों के चुनावी हलफनामों का विश्लेषण किया है। इससे विधानसभा पहुंचने वाले हमारे ‘माननीयों’ के आपराधिक बैकग्राउंड का भी पता चलता है।

एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, गुजरात विधानसभा के 182 विधायकों में से 47 (26 फीसदी) पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। 2012 के चुनाव में इनकी संख्या 57 (31 फीसदी) थी यानी आपराधिक रिकॉर्ड वाले विधायकों की संख्या में कमी आयी है लेकिन हत्या, हत्या का प्रयास, दुष्कर्म जैसे 'गंभीर' आपराधिक रिकॉर्ड वाले विधायकों की संख्या बढ़ गई है।

इस बार 33 विधायकों (18 फीसदी) के खिलाफ गंभीर आपराधिक रिकॉर्ड हैं। 2012 के चुनाव में इनकी संख्या 24 (13 फीसदी) थी यानी पिछली बार के मुकाबले गंभीर आपराधिक रिकॉर्ड वाले 5 फीसदी ज्यादा विधायक विधानसभा पहुंचे हैं।

साभार- एडीआर

पार्टी आधार पर

पार्टी आधार पर बीजेपी के 99 विधायकों में से 18, कांग्रेस के 77 में से 25, भारतीय ट्राइबल पार्टी के 2 में से एक, एनसीपी के एक और तीन निर्दलीय में से दो पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें भी बीजेपी के 12, कांग्रेस के 17, भारतीय ट्राइबल पार्टी के एक और दो निर्दलीय विधायकों पर संगीन अपराध के मामले दर्ज हैं।

141 करोड़पति विधायक

एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, इन नए विधायकों में से 141 यानी 77 फीसदी करोड़पति हैं। साल 2012 के चुनावों में यह संख्या 134 यानी 74 फीसदी थी। पार्टी आधार पर बीजेपी के 84, कांग्रेस के 54, भारतीय ट्राइबल पार्टी के दो और एनसीपी के एक विधायक ने अपनी संपत्ति एक करोड़ रुपये से ऊपर बताई है।

विधानसभा पहुंचने वाली महिलाओं की संख्या घटी

गुजरात में इस बार बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने 2012 के विधानसभा चुनावों की तुलना में कम महिलाओं को मुकाबले में उतारा और नई विधानसभा में उनकी संख्या घट गई है।

इस बार 13 महिलाएं ही विधानसभा पहुंचने में कामयाब हो पाई हैं। जबकि 2012 में 16 महिलाएं चुनी गई थीं। बीजेपी की 9 और कांग्रेस से 4 महिलाएं विधानसभा के चुनी गई हैं।

बीजेपी ने इस बार के चुनाव में 12 महिलाओं को टिकट दिया था, जबकि कांग्रेस ने 10 महिलाओं को उतारा था। साल 2012 के चुनाव में दोनों मुख्य दलों ने 33 महिलाओं को अपना उम्मीदवार बनाया था। उस समय बीजेपी ने 19 को और कांग्रेस ने 14 को चुनावी मुकाबले में उतारा था। विजेताओं में 12 बीजेपी से और 4 कांग्रेस से थीं।

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