फिलिस्तीन ने रविवार (7 जनवरी) को पाकिस्तान की मीडिया की उस रिपोर्ट को गलत और निराधार बताया जिसमें कहा गया है कि उसने अपने राजदूत को पाकिस्तान में पुनर्नियुक्त कर दिया है।
We don't know from where you got this information about Palestine Ambassdor to Pakistan being reinstated. As per our knowledge he is very much in Palestine as of now: Palestine Embassy in New Delhi to ANI on Pak media's reports on Palestine reinstated its ambassador to Pakistan pic.twitter.com/tUzZokC98k
— ANI (@ANI) January 7, 2018
भारत में फिलिस्तीनी राजदूत अदनान अबू अल हाइजा ने रावलपिंडी में एक रैली के दौरान आतंकी हाफिज सईद के साथ मंच साझा किया था, जिसपर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई थी। इसके बाद अदनान अबू अल हाइजा को फिलिस्तीन ने पाकिस्तान से वापस बुला लिया था।
नई दिल्ली स्थित फिलिस्तीनी दूतावास ने पाकिस्तानी मीडिया में चल रही खबरों पर समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, 'हम नहीं जानते कि आपको ये जानकारी कहां से मिली कि पाकिस्तान में फिलिस्तीनी राजदूत को फिर से बहाल कर दिया गया है। हमारी जानकारी के मुताबिक वह अभी भी फिलिस्तीन में ही हैं।'
वहीं दूसरी ओर फिलिस्तीन विदेश मंत्रालय ने भी पाकिस्तानी मीडिया में चल रही खबर को बकवास बताया है कि उन्होंने अपने राजदूत को पाकिस्तान में फिर से नियुक्त कर दिया है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'हम इस जानकारी से इनकार करते हैं। पाकिस्तान में जो हमारे राजदूत थे वो फिलिस्तीन में हैं और इस मुद्दे पर हमारा रुख वही है जिसे आखिरी सप्ताह हमारे अधिकारी बता चुके हैं।'
हाफिज सईद के साथ मंच साझा करने पर विदेश मंत्रालय में भारत के आर्थिक मामलों के सचिव विजय गोखले ने बीते साल 30 दिसंबर को दिल्ली स्थित फलस्तीनी राजदूत अदनान अबू अल हाइजा को साउथ ब्लॉक बुलाया था।
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान में मौजूद फिलिस्तीन के राजदूत वालीद अबू अली ने पिछले साल बीते 29 दिसंबर को रावलपिंडी के लियाकत बाग में दिफाह ए पाकिस्तान काउंसिल द्वारा आयोजित एक रैली में आतंकवादी संगठन जमाद उद दावा प्रमुख हाफिद सईज के साथ मंच साझा किया था। दिफाह ए पाकिस्तान काउंसिल धार्मिक एवं चरमपंथी समूहों का संगठन है जिसका प्रमुख मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड हाफिज सईद है।
पाकिस्तानी अखबार द नेशन डेली की खबर के मुताबिक, दफा-ए-पाकिस्तान काउंसिल की रावलपिंडी में स्थित केंद्रीय नेतृत्व ने कश्मीर और फिलिस्तीन की आजादी के लिए राष्ट्रव्यापी आंदोलन शुरू करने की घोषणा की. रिपोर्ट में अली के हवाले से बताया गया था, "फिलिस्तीन के पास पाकिस्तान का समर्थन होने से हम अकेला महसूस नहीं कर रहे है।"