कैबिनेट ने मूल वेतन में 14.27 फीसदी और भत्तों को मिलाकर 23.55 फीसदी की मंजूरी दी है। नाराज कर्मचारियों की मांग है कि वेतन बढ़ोतरी 23.55 फीसदी की जगह 30 फीसद की जाए। अगर सरकार ने इस पर विचार नहीं किया तो कर्मचारी 11 जुलाई से हड़ताल पर जाएंगे। नई दिल्ली में ऑल इंडिया रेलवेमेन्स फेडरेशन के सचिव शिवगोपाल मिश्र ने कहा कि इससे पहले के वेतन आयोग में 30 फीसद से अधिक की बढ़ोतरी होती रही है। उधर, चेन्नई में कॉन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एंप्लाईज ने वेतन वृद्धि में संशोधन की अपनी मांग को लेकर बेमियादी हड़ताल एक सप्ताह पहले करने की धमकी दी है।
कनफेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एंप्लाईज एंड वर्कर्स, तमिलनाडु के महासचिव एम. दुरईपांडियन ने कहा कि मौजूदा आर्थिक स्थितियों में वेतन आयोग के मुताबिक प्रस्तावित वृद्धि अपर्याप्त है। यह हमें स्वीकार्य नहीं है। यदि सरकार हमारी मांग नहीं मानती तो हम 11 जुलाई के बजाय चार जुलाई को ही बेमियादी हड़ताल पर जाने को बाध्य होंगे। इससे पहले, कर्मचारियों ने यहां राजाजी भवन के प्रांगण में धरना प्रदर्शन किया। राजाजी भवन में कई सरकारी कार्यालय हैं।