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पीएम मोदी ने अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बताया ऐतिहासिक, कहा- 'यह आशा की किरण है'

संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के सरकार के फैसले को बरकरार रखने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को...
पीएम मोदी ने अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बताया ऐतिहासिक, कहा- 'यह आशा की किरण है'

संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के सरकार के फैसले को बरकरार रखने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को "ऐतिहासिक" बताते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि यह सिर्फ एक कानूनी फैसला नहीं है, बल्कि "आशा की किरण" और सामूहिकता का एक प्रमाण, एक मजबूत और अधिक एकजुट भारत के निर्माण का संकल्प है। 

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के सरकार के फैसले को सोमवार को बरकरार रखा और कहा कि अगले साल 30 सितंबर तक केंद्र शासित प्रदेश की विधानसभा का चुनाव कराने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। शीर्ष अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा जल्द से जल्द बहाल किया जाए। 

एक्स पर एक पोस्ट में, पीएम मोदी ने कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला "ऐतिहासिक" है और संवैधानिक रूप से 5 अगस्त, 2019 को संसद द्वारा लिए गए फैसले को बरकरार रखता है।

उन्होंने कहा, "यह जम्मू, कश्मीर और लद्दाख में हमारी बहनों और भाइयों के लिए आशा, प्रगति और एकता की एक शानदार घोषणा है। अदालत ने, अपने गहन ज्ञान से, एकता के मूल सार को मजबूत किया है, जिसे हम सब भारतीय के रूप में, प्रिय मानते हैं और सबसे ऊपर रखते हैं। 

प्रधानमंत्री ने कहा, "मैं जम्मू, कश्मीर और लद्दाख के लचीले लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि आपके सपनों को पूरा करने के लिए हमारी प्रतिबद्धता अटूट है।हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि प्रगति का लाभ न केवल आप तक पहुंचे बल्कि इसका लाभ हमारे समाज के सबसे कमजोर और हाशिए पर रहने वाले वर्गों तक भी पहुंचे, जिन्हें अनुच्छेद 370 के कारण नुकसान उठाना पड़ा।"

प्रधानमंत्री ने माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म पर हैशटैग "नयाजम्मूकश्मीर" का उपयोग करते हुए कहा, "यह फैसला सिर्फ एक कानूनी फैसला नहीं है, यह आशा की किरण है, एक उज्जवल भविष्य का वादा है और एक मजबूत, अधिक एकजुट भारत के निर्माण के सामूहिक संकल्प का प्रमाण है।"

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तुरंत बाद एक्स पर पोस्ट की एक श्रृंखला में, अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के पूरे कदम के सूत्रधार शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच साल पहले एक दूरदर्शी निर्णय लिया था जिससे जम्मू-कश्मीर में शांति और सामान्य स्थिति आई।

उन्होंने कहा, "मैं अनुच्छेद 370 को खत्म करने के फैसले को बरकरार रखने वाले भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करता हूं। 5 अगस्त, 2019 को पीएम नरेंद्र मोदी ने अनुच्छेद 370 को खत्म करने का दूरदर्शी फैसला लिया। तब से जम्मू-कश्मीर में शांति और सामान्य स्थिति लौट आई है।"

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर कहा, "आज सुप्रीम कोर्ट द्वारा, संविधान की धारा 370 और 35A को समाप्त करने के प्रधानमंत्री मोदी के निर्णय और उस पूरी प्रक्रिया को सही ठहराया गया है। उच्चतम न्यायालय का यह ऐतिहासिक निर्णय हर भारतवासी को हर्षित करने वाला है। आज जम्मू एवं कश्मीर विकास के एक नये युग में प्रवेश कर चुका है।"

वहीं, बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ट्वीट किया, "माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा धारा 370 के विषय में दिये गये फ़ैसले का भारतीय जनता पार्टी स्वागत करती है। उच्चतम न्यायालय की संवैधानिक पीठ ने धारा 370 और 35A को हटाने के लिए दिए गये निर्णय, उसकी प्रक्रिया और उद्देश्य को सही ठहराया है। प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने जम्मू- कश्मीर को देश की मुख्य विचारधारा में जोड़ने का ऐतिहासिक काम किया है, इसके लिए मैं और हमारे करोड़ों कार्यकर्ता उनका हृदय से आभार व्यक्त करते हैं।"

अपने और जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस सूर्यकांत के लिए फैसला लिखते हुए, भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि अनुच्छेद 370 संविधान में एक अस्थायी प्रावधान था और राष्ट्रपति के पास इसे रद्द करने की शक्ति थी।

अदालत ने 5 अगस्त, 2019 को जम्मू और कश्मीर से केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को अलग करने के फैसले की वैधता को भी बरकरार रखा। बता दें कि उस दिन, सरकार ने अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त कर दिया और राज्य को जम्मू कश्मीर और लद्दाख, केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया। सीजेआई ने कहा, पूर्ववर्ती राज्य के पास अन्य राज्यों से अलग आंतरिक संप्रभुता नहीं है।

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