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जेएनयू जांच रिपोर्ट के तथ्य भी पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में जोड़े

जेएनयू विवाद पर अपनी हालिया रिपोर्ट में दिल्ली पुलिस ने विश्वविद्यालय की अंदरूनी जांच समिति द्वारा जुटाए गए साक्ष्यों को भी शामिल किया है। सूत्रों के अनुसार इस रिपोर्ट में कहा गया है कि जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार सहित आठ छात्र असंवैधानिक नारे लगाने में कथित तौर पर शामिल थे। लेकिन जांचकर्ताओं द्वारा अब तक जुटाए गए साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में पुलिसकर्मियों और जेएनयू के कर्मचारियों सहित एक भी प्रत्यक्षदर्शी का जिक्र नहीं किया है।
जेएनयू जांच रिपोर्ट के तथ्य भी पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में जोड़े

सूत्रों ने कहा कि आयुक्त के कार्यालय में रविवार को भेजी गई अपनी रिपोर्ट में पुलिस ने कहा कि संबंधित अधिकारियों की अनुमति के बिना वे जेएनयू परिसर में दाखिल नहीं हुए। रिपोर्ट में विशेष रूप से 29 नारों का जिक्र किया गया जिन्हें कार्यक्रम के दौरान उठाते देखा गया और सूची में पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा शामिल नहीं है जिसका जिक्र प्राथमिकी में है। एक समाचार चैनल से प्राप्त वीडियो क्लिप के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी। कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी के तुरंत बाद पुलिस द्वारा तैयार स्थिति रिपोर्ट में भी उस नारे का जिक्र है।

जेएनयू के अंदरूनी जांच समिति के निष्कर्ष का हवाला देते हुए पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में आठ छात्रों के खिलाफ साक्ष्य में प्रस्तावित घटना को सांस्कृतिक संध्या के तौर पर दुष्प्रचारित करना, अनुमति रद्द करने के बावजूद जबरन कार्यक्रम आयोजित करना, परिसर में कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब करना और असंवैधानिक नारे लगाए जाने को शामिल किया है। रिपोर्ट में पुलिस ने यह भी कहा कि कार्यक्रम में मौजूद स्थानीय पुलिस ने एक समूह को लगातार देशविरोधी नारे और असंवैधानिक नारे लगाते हुए देखा जबकि दूसरा समूह उनका विरोध कर रहा था। लेकिन रिपोर्ट में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि वास्तव में ऐसी नारेबाजी में कौन लोग संलिप्त थे।

जांचकर्ताओं ने कन्हैया कुमार के खिलाफ जो साक्ष्य जुटाए हैं उनमें उनकी उपस्थिति एक समूह में दिखाई गई है जो असंवैधानिक और देशविरोधी नारे लगा रहे हैं। रिपोर्ट में उमर खालिद और अनिर्बन को कार्यक्रम का मुख्य आयोजक बताया गया है लेकिन इसमें इस बात का जिक्र नहीं है कि दोनों देश विरोधी नारे लगा रहे हैं अथवा नहीं। उमर खालिद सहित जेएनयू के जिन पांच छात्रों की पुलिस को तलाश थी वे रविवार की रात को विश्वविद्यालय परिसर में दिखे लेकिन पुलिस ने उन्हें अभी तक गिरफ्तार नहीं किया है। मामले में पुलिस के संभवत: यू टर्न लेने को देखते हुए वरिष्ठ अधिकारियों का अब दावा है कि वे इंतजार कर रहे हैं कि छात्र खुद ही आत्मसमर्पण कर दें लेकिन पांचों ने इससे इंकार किया है।

दिल्ली पुलिस के आयुक्त बी.एस. बस्सी ने कल कहा था कि मामले के जांच अधिकारी अंतिम निर्णय करेंगे और विश्वविद्यालय परिसर के अंदर जाना है या नहीं इसका निर्णय डीसीपी (दक्षिण) प्रेमनाथ करेंगे जो जांच के प्रमुख हैं। संसद हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी देने के विरोध में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम को लेकर पुलिस ने देशद्रोह का मामला दर्ज किया था। कार्यक्रम के दौरान देश विरोधी नारे लगाए गए थे। पुलिस ने 12 फरवरी को जेएनयू छात्र संघ के नेता कन्हैया कुमार को गिरफ्तार किया था और उमर खालिद तथा अनिर्बन सहित अन्य की तलाश शुरू कर दी थी।

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